
जम्मू-कश्मीर को लेकर मोदी सरकार के फैसले से पाकिस्तान बेचैन है. अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद मंगलवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संसद का संयुक्त सत्र बुलाया. इस संयुक्त सत्र में पाकिस्तान के थल सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा, वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल मुजाहिद अनवर खान, नौसेना प्रमुख एडमिरल जफर महमूद अब्बासी मौजूद रहे, लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान इस बैठक में शामिल नहीं हुए. पीएम इमरान खान के संयुक्त सत्र में ना आने पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. वहीं, स्पीकर के अपने कक्ष में जाने से पहले ही सत्र की कार्यवाही रुक गई.
चर्चा है कि पाकिस्तान इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जोर-शोर से उठाने की कोशिश करेगा. इस बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी जम्मू-कश्मीर के हालात पर चर्चा के लिए मंगलवार को कॉर्प्स कमांडरों की बैठक बुलाई है. कॉर्प्स कमांडरों की बैठक में भारत के कदमों और उसके भू-रणनैतिक असर पर चर्चा की जाएगी. इसके पहले पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने मलेशिया और तुर्की के राष्ट्राध्यक्षों से फोन पर बात की और कश्मीर में अनुच्छेद-370 को खत्म करने के भारत के इस कदम को अवैध करार दिया. उन्होंने कहा कि इससे घाटी की शांति नष्ट हो जाएगी.
हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात थी. इस दौरान इमरान ने ट्रंप से कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की थी, जिसके बाद ट्रंप ने मध्यस्थता के लिए तैयार होने की बात कही थी. हालांकि भारत ने साफ कर दिया था कि इस मसले पर तीसरी पार्टी को हस्तक्षेप नहीं करने दिया जाएगा.
वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टेगस ने जम्मू-कश्मीर के घटनाक्रम पर नपी तुली प्रतिक्रिया दी है. प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टेगस ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के घटनाक्रम पर हमारी गहरी नजर है, जम्मू-कश्मीर को मिले संवैधानिक अधिकार को खत्म करने की भारत की घोषणा का हमने संज्ञान लिया है.'