
मोदी सरकार GST के तहत छोटे कारोबारियों को टैक्स से राहत देने का मन बना रही है. GST के कारण छोटे कारोबारियों को होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए और कदम उठाने का वादा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्यों के मंत्रियों की एक समिति ने उनके ज्यादातर सुझावों को स्वीकार कर लिया है. मोदी ने कहा कि इस बारे में कोई घोषणा GST परिषद की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में की जा सकती है.
GST परिषद ने कारोबारी इकाइयों के सामने आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए पिछले महीने कुछ कदम उठाए जाने की घोषणा की थी. केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली GST परिषद की आगामी बैठक 9-10 नवंबर को गुवाहाटी में होनी है.
विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत की 30 पायदान की लंबी उछाल पर आयोजित एक कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि कुछ मुद्दों पर राज्यों की आपत्तियों को देखते हुए GST परिषद ने राज्यों के मंत्रियों और अधिकारियों की एक समिति गठित की थी. मोदी ने कहा कि व्यापारियों और छोटे कारोबारियों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार करने के लिए राज्यों के मंत्रियों का समूह गठित किया गया था.
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक इस समूह ने उनके ज्यादातर सुझावों को स्वीकार कर लिया है. अब समूह की सिफारिशों को GST परिषद की 9-10 नवंबर को होने वाली बैठक में मंजूरी मिलने की उम्मीद है. विश्व बैंक की रैंकिंग का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस नवीनतम रपट में माल एवं सेवा कर GST के कार्यान्वयन पर विचार नहीं किया गया है.
उन्होंने कहा कि GST भारतीय अर्थव्यवसथा में सबसे बड़ा कर सुधार है. इसका असर कारोबार करने के अनेक पहलुओं पर हुआ है. GST के साथ हम एक आधुनिक कर प्रणाली की ओर बढ़ रहे है, जोकि पारदर्शी, स्थिर और टिकाऊ है. मोदी ने कहा कि अनेक सुधार पहले ही हो चुके हैं, लेकिन इन्हें स्थिर होने के लिए समय चाहिए और इसके बाद ही विश्व बैंक उन पर विचार करता है. मोदी ने भरोसा जताया कि आने वाले वर्षों में भारत की रैंकिंग में लगातार सुधार होगा.