
लखनऊ में शुरू हुए डिफेंस एक्सपो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधुनिकतम हथियारों का जायजा लिया. पीएम मोदी ने यहां हथियारों को देखा और वर्चुअल शूटिंग रेंज में निशाना भी लगाया. एक्सपो में मौजूद एक्सपर्ट्स ने पीएम मोदी को हथियारों के बारे में जानकारी दी फिर यहां पर नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल शूटिंग रेंज में गोलियां भी चलाई.
दरअसल वर्चुअल शूटिंग रेंज विज्ञान की वो करामात है जहां आप बिना गोलियां बर्बाद किए निशाना लगा सकते हैं और अपनी क्षमता भी जांच सकते हैं. सैनिकों के लिए ये ट्रेनिंग बेहद जरूरी है.
पढ़ें: निर्भया केस: केंद्र की अर्जी खारिज, HC ने कहा- दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं हो सकती
पीएम के हाथ में राइफल
विशेषज्ञों ने बताया कि पीएम जहां मौजूद थे वो वर्चुअल शूटिंग रेंज था. वर्चुअल शूटिंग रेंज में निशानेबाज या सैनिक बिना युद्ध में गए युद्ध जैसा रोमांच महसूस कर सकते हैं और अपने युद्ध कौशल का आकलन कर सकते हैं. एक रोमांचक अनुभव में पीएम मोदी ने यहां पर अपने हाथ में राइफल थामी और खुद निशाना लगाया.
रक्षा क्षेत्र में इंडिया की उड़ान
इससे पहले डिफेंस एक्सपो को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें गर्व है कि रक्षा क्षेत्र में भारत ने स्वदेशी तकनीक का विकास कर रहा है. पीएम ने कहा कि आज ISRO भारत के लिए, पूरी दुनिया के लिए, Outer Space के रहस्यों को ढूंढ़ रहा है, तो भारत का DRDO इन संपत्तियों को गलत ताकतों से बचाने के लिए रक्षा की दीवार खड़ी कर रहा है.
भारत शांति का भरोसेमंद पार्टनर
पीएम ने कहा कि भारत आज से नहीं बल्कि हमेशा से विश्व शांति का भरोसेमंद पार्टनर रहा है. उन्होंने कहा कि दो विश्व युद्ध के दौरान हमारा डायरेक्ट स्टेक ना होते हुए भी भारत के लाखों जवान शहीद हुए थे. उन्होंने कहा कि आज दुनियाभर में 6 हजार से ज्यादा भारतीय सैनिक संयु्क्त राष्ट्र शांति सैनिक का हिस्सा हैं.
पढ़ें: डिफेंस एक्सपो में मोदी बोले- यूपी बनेगा सबसे बड़ा हब, युवाओं के लिए मौका
भारत की रक्षा जरूरतों और चुनौतियों की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि टेक्नॉलॉजी का गलत इस्तेमाल हो और टेररिज्म हो या फिर साइबर खतरा, ये पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती हैं. उन्होंने कहा कि नई सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए दुनिया की तमाम डिफेंस फोर्सेस, नई टेक्नॉलॉजी को इवॉल्व कर रही हैं. भारत भी इससे अछूता नहीं है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक शस्त्रों के विकास के लिए दो प्रमुख आवश्यकताएं हैं- रक्षा और अनुसंधान की उच्च क्षमता और उन शस्त्रों का उत्पादन. बीते 5-6 वर्षों में हमारी सरकार ने इसे अपनी राष्ट्रनीति का प्रमुख अंग बनाया है.