Advertisement

क्या चुनाव पर फोकस होगा इस बार रेड फोर्ट से पीएम मोदी का भाषण?

क्या अपने कार्यकाल के आखिरी स्वतंत्रता दिवस की स्पीच में प्रधानमंत्री मोदी चुनावी मुद्दों को शामिल करेंगे? बीते चार साल की  पीएम मोदी की स्पीच को देखें तो साफ है कि पीएम इस मौके पर पूरे देश से सीधा संवाद साधने की कोशिश करते हैं. वहीं बीते कुछ वर्षों से इस स्पीच को तैयार कराने के लिए पीएम मोदी सभी नागरिकों से उनकी राय मांगते हैं....

नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 11:31 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने कार्यकाल का आखिरी इंडिपेंडेंस डे स्पीच अब से कुछ घंटों में देने जा रहे हैं. इस बार पीएम मोदी की स्पीच बेहद अहम होगी क्योंकि देश में राजनीतिक दल आम चुनावों की तैयारी में लगे हैं. ये चुनाव 2019 की शुरुआत में कराए जा सकते हैं. लिहाजा पीएम मोदी भी इस बात का पूरा ध्यान रखेंगे कि लाल किले से वह अपने कार्यकाल की सभी उपलब्धियों को पूरे देश के साथ साझा करेंगे. इसके अलावा भी पीएम मोदी की यह स्पीच कई मायनों में अहम हो सकती है.

Advertisement

प्रधानमंत्री मोदी की खुद द्वारा शुरू की गई परंपरा के मुताबिक एक बार फिर पूरे देश से वह अहम मुद्दे मांगे गए हैं जिन्हें प्रधानमंत्री की लाल किले की स्पीच में शामिल किया जाना चाहिए. जिसके बाद से लगातार सोशल मीडिया अथवा अन्य मीडिया साधनों से लाखों की संख्या में लोगों की राय उन तक पहुंच रही है. पीएम मोदी अपनी वेससाइट के जरिए भी देश के नागरिकों से अपील कर चुके हैं कि वह देश हित में अपने विचार साझा करें और नए भारत के उदय में अपनी सहभागिता को दर्ज कराएं.

ऐसे में किन मुद्दों पर पीएम मोदी लाल किले की प्राचीर से अपनी राय रख सकते हैं? जहां पिछले साल 2017 में लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की हकीकत बयान करते हुए दावा किया कि उनके इस फैसले से कालेधन पर लगाम लगी है, क्या इस बार लाल किले से पीएम मोदी जुलाई 2017 में लागू हुए जीएसटी से कारोबार को पहुंचे फायदे का जिक्र करेंगे?

Advertisement

इसे पढ़ें: फॉर्मूला भारत का, मॉडल चीन का, ऐसे 'नया पाकिस्तान' बनाएंगे इमरान खान

1. नोटबंदी के बाद जीएसटी का सच

केन्द्र सरकार द्वारा नवंबर 2016 में लागू की गई नोटबंदी और जुलाई 2017 में लागू किए गए टैक्स सुधार जीएसटी का असर अर्थव्यवस्था पर अब साफ दिखाई दिया है. केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक के आंकड़ों में भी इन दोनों फैसलों के नकारात्मक असर देखे जा रहे हैं. आर्थिक जानकारों की आम राय है कि अभीतक नोटबंदी ने आर्थिक आंकड़ों को नुकसान ही पहुंचाया है. वहीं जीएसटी के जिस स्वरूप को और जिस जल्दबाजी के साथ लागू किया गया उससे अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है.

2. जीएसटी से क्या होगा?

1 जुलाई 2017 से पूरे देश में एक समान टैक्स प्रक्रिया लागू की गई है. केन्द्र सरकार को भरोसा था कि इस कदम से उसके खजाने के साथ-साथ देश के कारोबार को नया आयाम मिलेगा. हालांकि इसे लागू करने के बाद से इसमें जारी खामियों के दूर करने के लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें लगातार कोशिश कर रही हैं. ऐसे में संभव है  कि पीएम मोदी अपने लाल किले के भाषण में जीएसटी को लेकर कुछ अहम घोषणाएं करें.

3. कितना आया कालाधन

देश में कारोबार के साथ-साथ सरकार के कामकाज में पार्दर्शिता लाने के लिए बीते 5 वर्षों के दौरान कई अहम कदम उठाए गए हैं. वहीं मोदी सरकार ने मनीलॉन्डरिंग रोकने के लिए भी कई अहम फैसले लिए हैं. क्या इन फैसलों से देश में कालेधन पर लगाम लगाने में कोई मदद मिली, इस आशय भी पीएम मोदी लाल किले से कुछ अहम खुलासा कर सकते हैं.

Advertisement

4. सबके लिए घर की योजना

पीएम मोदी ने 2022 तक देश में सभी के लिए घर बनाने की योजना शुरू की है. वहीं बीते चार साल के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर मंदी का शिकार है. सेक्टर में रेरा जैसे नए प्रावधान और कालेधन पर लगाम के बाद माना जा रहा है कि आम आदमी के लिए घर खरीदने का सपना पूरा करना आसान हो जाएगा. अपने लाल किले के भाषण में पीएम मोदी देशभर में चल रही सबके लिए घर योजना को अपने भाषण में शामिल कर सकते हैं और आम चुनावों में कदम रखने से पहले कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं.

5. मुफ्त इलाज का क्या है आधार

केन्द्र सरकार ने आम आदमी को स्वास्थ और शिक्षा की सुविधा बेहतर और मुफ्त देने का वादा किया है. इसमें स्वास्थ सुविधाओं पर केन्द्र सरकार अहम फैसले ले चुकी है. जहां तक बड़े शहरों में बड़े अस्पताल की बात है, केन्द्र सरकार ने मरीजों का रजिस्ट्रेशन, ओपीडी में डॉक्टर अलॉट करने, जरूरी मेडिकल टेस्ट और इलाज करने के लिए पार्दर्शिता से भरी ऑनलाइन व्यवस्था को लागू किया है. लेकिन देश में एक आम आदमी को स्वास्थ सुविधा के लिए इतना पर्याप्त नहीं है. लेकिन केन्द्र सरकार ने बीते चार साल के दौरान कोशिश की है कि देश में बेहतर और सस्ती से मुफ्त स्वास्थ सुविधा को अपने स्वास्थ नेटवर्क के निचले स्तर पर लागू कर सके. लिहाजा, इस बार लाल किले से पीएम मोदी इस मामले में भी कुछ अहम कह सकते हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement