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पटना विश्वविद्यालय शताब्दी समारोह में साथ दिखेंगे प्रधानमंत्री मोदी, नीतीश और लालू

बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद यह पहला मौका होगा जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी सुप्रीमो एक साथ किसी कार्यक्रम में नजर आएंगे. इसी साल जुलाई के महीने में आरजेडी और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ सरकार बना ली थी.

पीएम नरेेंद्र मोदी, नीतीश कुमार, लालू यादव पीएम नरेेंद्र मोदी, नीतीश कुमार, लालू यादव
अंकुर कुमार/रोहित कुमार सिंह
  • पटना ,
  • 12 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 1:43 PM IST

राजनीति में ऐसे मौके कम ही आते हैं जब प्रतिद्वंदी ना केवल एक मंच पर आते हैं बल्कि साथ तस्वीरें भी खिंचवाते हैं. ऐसा ही एक मौका 14 अक्टूबर को देखने को मिलेगा जब पटना विश्वविद्यालय का शताब्दी समारोह मनाया जाएगा. इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे और साथ होंगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो खुद पटना विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं. इस कार्यक्रम में तड़का तब लगेगा जब आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी शामिल होंगे, जो ना केवल पटना यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र रह चुके हैं बल्कि उन्हें भी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है.

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बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद यह पहला मौका होगा जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी सुप्रीमो एक साथ किसी कार्यक्रम में नजर आएंगे. इसी साल जुलाई के महीने में आरजेडी और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ सरकार बना ली थी. उसके बाद से ऐसा कोई मौका नहीं आया था जब नीतीश और लालू एक साथ किसी कार्यक्रम में नजर आए. मगर तस्वीर दिलचस्प तब होगी जब, मंच पर नीतीश और लालू के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी होंगे.

आज तक से बातचीत में जानकारी देते हुए पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रासबिहारी प्रसाद सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के साथ लालू प्रसाद को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. हालांकि, मंच पर प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश के साथ लालू को जगह मिलती है या नहीं इसको लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. कुलपति रास बिहारी प्रसाद सिंह ने कहा कि मंच पर आखिरकार किसे जगह मिलेगी, इसका फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय करेगा.

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गौरतलब है कि पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में तकरीबन 5000 से भी ज्यादा पूर्व और वर्तमान के छात्रों को आमंत्रित किया गया है, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा भी शामिल हैं. साथ ही वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी सरकार में मंत्री रामविलास पासवान, जेपी नड्डा, उपेंद्र कुशवाहा, अश्विनी चौबे और रविशंकर प्रसाद को भी आमंत्रित किया गया है.

इस कार्यक्रम में सबकी नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यशवंत सिन्हा पर भी टिकी होंगी, क्योंकि हाल के दिनों में यशवंत सिन्हा, जो कि भाजपा के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य हैं, ने ना केवल केंद्र सरकार के आर्थिक नीतियों की आलोचना की है बल्कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र जय शाह को लेकर भी सवाल उठाया है. यशवंत सिन्हा ने सवाल किया है कि आखिर कैसे 2014-15 जय शाह कि कंपनी का टर्नओवर 50 हजार रुपये से बढ़कर ₹80 करोड़ हो गया ?

ऐसे में पटना विश्वविद्यालय शताब्दी समारोह का कार्यक्रम कई मायनों में अहम हो गया है. एक तरफ जहां बिहार में बीजेपी और जदयू की सरकार बनने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार किसी सार्वजनिक मंच पर नजर आएंगे, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी के विरोधी लालू और यशवंत सिन्हा से भी उनका आमना सामना हो सकता है.

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