Advertisement

EXCLUSIVE: केजरीवाल के मंत्री का फरमान- सचिवों को नहीं मुझे दें रिपोर्ट

पिछले महीने गृह विभाग के दो सीनियर अधिकारियों को सत्येंद्र जैन ने कैबिनेट के आदेश पर दस्तखत ना करने पर बर्खास्त कर दिया था. तभी से मंत्री ने प्रमुख सचिव के कई अधिकारों को अपने पास ले लिया.

ब्रजेश मिश्र/कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 28 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 12:16 PM IST

दिल्ली की केजरीवाल सरकार में सीनियर मंत्री माने जाने वाले सत्येंद्र जैन और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच एक बार फिर ठन गई है. सत्येंद्र जैन ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले विभाग के जूनियर अधिकारियों को आदेश जारी कर कहा है कि प्रमुख सचिवों या सचिवों को रिपोर्ट करने की बजाए सीधे उन्हें रिपोर्ट करें.

गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जारी निर्देश में सत्येंद्र जैन ने यह साफ-साफ कहा है. गृह विभाग के अधिकारियों को ये आदेश 11 जनवरी को जारी किया गया जबकि स्वास्थ्य विभाग को 21 जनवरी को आदेश मिला. हालांकि गृह विभाग के प्रधान सचिव एसएन सहाय ने भी इस आदेश के जवाब में सत्येंद्र जैन को एक चिट्ठी लिखी है.

Advertisement

प्रधान सचिव ने उपराज्यपाल को भी भेजी चिट्ठी
प्रधान सचिव ने चिट्ठी में कहा कि ऐसा करने का अधिकार मंत्री के पास है ही नहीं. सहाय ने नियमों का हवाला देते हुए अपनी चिट्ठी में साफ कहा है कि दिल्ली सरकार के एलोकेशन ऑफ बिजनेस रूल 1993 के नियम 4 के मुताबिक, विभाग के सचिव या प्रधान सचिव के पास ही कार्यपालिका के अधिकार हैं. सहाय ने अपनी चिट्ठी में ये भी कहा है कि मंत्री ने गृह विभाग को चार भागों में बांट कर अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन नियम के मुताबिक काम के ऐसे बंटवारे का अधिकार सिर्फ विभाग के मुखिया को है न कि मंत्री को. सहाय ने ये चिट्ठी उपराज्यपाल नजीब जंग को भी भेजी है.

दो अधिकारियों को सस्पेंड किए जाने के बाद बढ़ा विवाद
गौरतलब है कि पिछले महीने गृह विभाग के दो सीनियर अधिकारियों को सत्येंद्र जैन ने कैबिनेट के आदेश पर दस्तखत ना करने पर बर्खास्त कर दिया था. तभी से मंत्री ने प्रमुख सचिव के कई अधिकारों को अपने पास ले लिया. जैन ने गृह विभाग के अलावा स्वास्थ्य विभाग में भी ऐसे ही आदेश जारी किए हैं. स्वास्थ्य विभाग के 15 अधिकारियों के बीच कामकाज का बंटवारा किया गया है और उन्हें साफ निर्देश दिए गए हैं कि जहां जरूरी न हो उसके अलावा जूनियर अधिकारी विभाग के प्रमुख सचिव या सचिव को नहीं बल्कि सीधे मंत्री को ही फाइल दिखाएं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement