
प्राइवेट ट्रेन संचालकों को रेलवे कई तरह की सहूलियतें देने जा रहा है. इनमें से एक सहूलियत यह होगी कि निजी ट्रेनों के संचालक खुद यह तय कर सकेंगे कि कौन से स्टेशन पर गाड़ी रोकी जाएगी और कौन-से स्टेशन पर नहीं रुकेगी.
गौरतलब है कि रेलवे द्वारा 109 मार्गों पर 150 निजी रेल गाड़ियां चलाने की जिम्मेदारी जिन निजी संचालकों को दी जाने वाली है. इन संचालतकों को ऐसे स्टेशनों का चुनाव करने की आजादी होगी जहां वे अपनी रेलगाड़ियों का ठहराव चाहते हैं.
रेलवे द्वारा इस संबंध में जारी दस्तावेज में इसकी जानकारी दी गई है. देश में प्राइवेट ट्रेनें मार्च 2023 से चलेंगी. इसके लिए टेंडर मार्च 2021 तक फाइनल कर लिए जाएंगे.
इसे भी पढ़ें: 7 रुपये का शेयर 2 साल में 800 रुपये का, क्या पेनी स्टॉक में लगाना चाहिए पैसा?
पहले से देंगे जानकारी
हालांकि, निजी रेलगाड़ी संचालकों को पहले ही उन स्टेशनों की सूची रेलवे को मुहैया करानी होगी जहां पर वे ठहराव चाहते हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, निजी संचालकों को मार्ग के बीच में पड़ने वाले स्टेशनों पर ठहराव की सूची के साथ यह भी बताना होगा कि रेलगाड़ी कितने बजे स्टेशन पर आएगी और कब रवाना होगी तथा यह रेल परिचालन योजना का हिस्सा होगा. समझौते के मसौदे के मुताबिक निजी संचालक को इसकी सूचना पहले देनी होगी. ठहराव का टाइम टेबल कम से कम एक साल के लिए होगा और इसके बाद ही बीच के स्टेशनों पर ठहराव की समीक्षा की जा सकती है.
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि निजी रेलगाड़ियों को उस रूट पर मौजूदा समय में सबसे तेज गति से चलने वाली रेलगाड़ी के ठहराव स्टेशनों से अधिक ठहराव रखने की अनुमति नहीं होगी. निजी संचालकों द्वारा जमा की जाने वाली योजना में उन स्टेशनों को भी शामिल करना होगा जिनकी जरूरत बोगियों में पानी भरने, सफाई करने आदि के लिए होगी.
इसे भी पढ़ें:...तो उत्तर प्रदेश में बसेंगे मिनी जापान और मिनी साउथ कोरिया!
एसी बस और प्लेन के मॉडल पर हो सकता है किराया
निजी संचालक को संचालन संबंधी अपरिहार्य स्थिति होने पर उन रेलवे स्टेशनों पर ठहराव की भी इजाजत दी जा सकती है जो ट्रेन परिचालन योजना में शामिल नहीं हैं. 2023 से शुरू हो रही इन निजी रेलगाड़ियों का किराया कोई प्राधिकरण रेगुलेट नहीं करेगा और संचालक बाजार की परिस्थितियों के अनुसार किराया तय कर सकते हैं.