
उत्तर प्रदेश में खस्ताहाल हो चुकी कांग्रेस में जान फूंकने के लिए पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखनऊ में डेरा जमा दिया है. सक्रिय राजनीति में प्रियंका के कदम रखने के साथ ही माना जा रहा था कि रायबरेली या फिर पूर्वांचल की किसी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर सकती है. इतना ही नहीं नरेंद्र मोदी बनाम प्रियंका गांधी के बीच चुनावी मुकाबले की बात कही जा रही थी. इन सारे कायसों पर प्रियंका गांधी ने मंगलवार को खुद ही विराम लगा दिया है.
पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से है और हम उनके साथ हैं. प्रियंका ने कहा, 'मैं संगठन को मजबूत करने का काम करूंगी.' इससे साफ जाहिर है कि वो फिलहाल पार्टी संगठन को मजबूत करने का काम करेंगी. इससे पहले लखनऊ के कार्यकर्ताओं ने प्रियंका के साथ बैठक में उनसे लखनऊ से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया था जिस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और हंस कर टाल दिया.
हालांकि यह बात उन्होंने लखनऊ संसदीय क्षेत्र के लिए बनाई गई दोनों टीमों से कही. दरअसल कार्यकर्ताओं ने उनको लखनऊ से चुनाव लड़ने की अपील की थी. इस पर प्रियंका ने पूछा कि आप में से कौन चुनाव लड़ना चाहता है. दिलचस्प बात यह है कि कार्यकर्ताओं ने लखनऊ से किसी सेलिब्रिटी या बाहरी व्यक्ति को टिकट न देने की भी बात कही है.
लखनऊ की तरह ही फूलपुर लोकसभा सीट के कार्यकर्ताओं से भी प्रियंका रूबरू हुईं. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रियंका से फूलपुर से अगला लोकसभा चुनाव लड़ने की गुजारिश की, जिसे प्रियंका गांधी ने खारिज कर दिया है. दरअसल, फूलपुर लोकसभा सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. यहां से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू चुनाव लड़ा करते थे.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंपी है. सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से 41 सीटों की कमान प्रियंका को दी गई है तो 39 सीटों का प्रभार सिंधिया के कंधों पर है.
प्रियंका गांधी ने पूर्वांचल में पार्टी को चुस्त दुरुस्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि मंगलवार दोपहर करीब 1.20 बजे से शुरू हुई उनकी बैठक बुधवार अल सुबह 5.15 बजे खत्म हुई. इस दौरान न तो उन्होंने लंच किया और नही डिनर किया. करीब 16 घंटे की पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मैराथन बैठक करके सूबे की सियासी नब्ज को समझने की कोशिश की.
प्रियंका गांधी ने बैठक के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं से दो टूक कहा दिया कि पुरानी ढर्रे पर चल रही कांग्रेस से काम नहीं चलेगा. पार्टी को नई से शुरूआत करनी है और नए तेवर के साथ. प्रियंका ने सभी 41 लोकसभा सीटों में से हर एक लोकसभा सीट के नेताओं से 1-1 घंटे की बैठक कर रही है. इस दौरान प्रियंका का जोर बूथ मजबूत करने के प्रबंधन पर रहा.