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आज तक से बोलीं प्रियंका- क्या मेरे बाजार जाने पर भी योगी की पुलिस को दिक्कत

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि जब वह गिरफ्तार पूर्व पुलिस अधिकारी एस.आर. दारापुरी के घर सांत्वना देने जा रही थीं तो स्थानीय पुलिस ने उनके काफिले को रोका और वह कार से उतरकर पैदल जाने लगीं, तब गला दबाकर उन्हें गिरा दिया और धक्का-मुक्की की.

प्रियंका गांधी प्रियंका गांधी
नीलांशु शुक्ला
  • लखनऊ,
  • 29 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:45 AM IST

  • प्रियंका ने आज तक से कहा- क्या वहां कर्फ्यू था जो मुझे रोका
  • पुलिस बोली- प्रियंका ने रास्ता बदला इसलिए रोका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने शनिवार को कहा कि जब वह गिरफ्तार पूर्व पुलिस अधिकारी एस.आर. दारापुरी के घर सांत्वना देने जा रही थीं तो स्थानीय पुलिस ने उनके काफिले को रोका और वह कार से उतरकर पैदल जाने लगीं, तब गला दबाकर उन्हें गिरा दिया और धक्का-मुक्की की.

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हालांकि, प्रियंका को रोकने वाली महिला पुलिस अधिकारी अर्चना सिंह ने कहा कि प्रियंका का यह आरोप बिलकुल गलत है कि उनका गला दबाया गया. अर्चना सिंह ने कहा कि प्रियंका गांधी ने पहले से तय रास्ता बदल लिया था, जिसके बाद सुरक्षा के मद्देनजर उनकी गाड़ी को रोका गया.

पुलिस के इस बयान पर प्रियंका गांधी ने आज तक से बात करते हुए कहा, 'इसका क्या मतलब है. यहां कर्फ्यू है क्या. अगर मैं चार लोगों के साथ कार में बैठकर मार्केट जा रही थी या कहीं और जा रही थी तो इसमें क्या समस्या थी. मैंने इसलिए किसी को नहीं बताया क्योंकि मैं उस परिवार जिससे मिलने जा रही थी, उन्हें परेशान नहीं करना चाहती थी.'

प्रियंका ने आज तक से कहा, 'अगर पुलिस अपनी गाड़ी को हमारी गाड़ी के सामने रोके, मुझे पैदल नहीं चलने दे. मुझे घेरे, मेरा गला पकड़े और मुझे गिराए. तो सरकार की सरकार और प्रशासन की सहमति तो होगी न पुलिस को ऐसा करने के लिए.'

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प्रियंका ने कहा, 'मैं नए नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार किए गए रिटायर्ड आईपीएस अफसर एस आर दारापुरी के परिजन से मुलाकात करने पार्टी के राज्य मुख्यालय से निकली थी. रास्ते में पुलिस ने मुझे रोक लिया.'

उन्होंने आगे कहा, 'मैं गाड़ी से उतरकर पैदल चलने लगी, तब मुझे घेरा गया और एक महिला पुलिसकर्मी ने मेरा गला दबाया. मुझे धक्का दिया गया और मैं गिर गई. आगे चलकर फिर मुझे पकड़ा तो मैं एक कार्यकर्ता के टू व्हीलर से निकली. उसे भी गिरा दिया गया.'

प्रियंका ने कहा कि दारापुरी 77 साल के पूर्व पुलिस अधिकारी हैं. उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन के लिए फेसबुक पर पोस्ट डाली थी. इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

उन्होंने कहा, 'मैं उत्तर प्रदेश में पुलिस दमन का शिकार हुए हर एक नागरिक के साथ खड़ी हूं. यह मेरा सत्याग्रह है. भाजपा सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है. मैं उत्तर प्रदेश की प्रभारी हूं और मैं उत्तर प्रदेश में कहां जाऊंगी और कहां नहीं जाऊंगी, ये भाजपा सरकार तय नहीं करेगी.'

दारापुरी के परिजन से मुलाकात के बाद उनके घर से निकलीं प्रियंका ने कहा, 'मैं गाड़ी में शांतिपूर्वक जा रही थी, तब कानून-व्यवस्था कैसे बिगड़ने वाली थी? मैंने किसी को बताया तक नहीं था, ताकि मेरे साथ तीन से ज्यादा लोग नहीं आएं. फिर भी मेरी गाड़ी रोकी गई. तब मैं पैदल चलने लगी. इनके पास मुझे रोकने का कोई हक नहीं है. अगर गिरफ्तार करना चाहते हैं तो करें.'

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यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार को लगता है कि आपकी वजह से उसकी राजनीति को खतरा है? प्रियंका ने कहा 'सबकी राजनीति को खतरा है.'

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