
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले सम्मान पर विवाद के बीच पहली बार खुद प्रोफेसर फिलिप कोटलर ने साफ किया है कि इस अवॉर्ड के लिए उन्होंने ही पीएम मोदी का चयन किया है. इंडिया टुडे से ईमेल के जरिए एक्सक्लूसिव बातचीत में प्रोफेसर कोटलर ने कहा कि इस पुरस्कार के लिए पीएम मोदी के चुनाव में किसी भी प्रकार का बाहरी हस्तक्षेप नहीं था. यह निर्णय खुद उनका था.
ईमेल में उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को यह अवॉर्ड देने का फैसला उन्होंने किया. इसके लिए कभी भी कोई भारतीय या फिर कोई और मेरे पास नहीं आया. यहां तक कि किसी को इस बारे में पता भी नहीं चला था कि हम ऐसा कोई पुरस्कार किसी बड़े राजनेता को देने जा रहे हैं. उनके संगठन वर्ल्ड मार्केटिंग समिट ग्रुप का गलत इस्तेमाल करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी को भी हमारे नाम का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है.
पीएम मोदी को पुरस्कार देने के लिए प्रोफेसर कोटलर की जगह भारत आए डॉ. जगदीश सेठ ने बताया कि इस अवॉर्ड के लिए कोई ज्यूरी नहीं थी. फोन पर बातचीत में प्रोफेसर सेठ ने बताया कि कोटलर ने इस अवॉर्ड के लिए कुछ लोगों से बात की थी. लेकिन पुरस्कार पर फैसला उन्होंने खुद किया.इससे पहले पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को मिले इस पुरस्कार पर तंज करते हुए ट्वीट में लिखा, 'मैं अपने प्रधानमंत्री को विश्व प्रसिद्ध कोटलर प्रेसिडेंशियल अवॉर्ड जीतने पर बधाई देना चाहता हूं. बेशक, यह इतना मशहूर है कि कोई ज्यूरी नहीं और किसी को भी आज तक दिया भी नहीं गया. यह अलीगढ़ की किसी अनजान कंपनी की ओर से दिया गया है, जिसके कई पार्टनर हैं.'
राहुल गांधी के बयान के बाद सोशल मीडिया पर कई नेताओं ने इस पुरस्कार को लेकर प्रधानमंत्री पर तंज कसना शुरू कर दिया. वहीं प्रोफेसर फिलिप कोटलर ने ट्वीट में लिखा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के लिए बधाई देता हूं. उनका चयन उनके उत्कृष्ट नेतृत्व और अथक ऊर्जा के साथ भारत के लिए निस्वार्थ सेवा के लिए किया गया है.
प्रोफेसर कोटलर ने आगे ट्वीट में लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास के परिणाम स्वरूप भारत में असाधारण आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी विकास हुआ है. उनके फिलिप कोटलर पुरस्कार जीतने से भविष्य में यह पुरस्कार पाने वालों के लिए स्टैंडर्ड को और बढ़ा दिया है.
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक पहला फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल पुरस्कार तीन आधार रेखा पीपुल, प्रॉफिट और प्लेनेट पर केंद्रित है. यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष किसी देश के नेता को प्रदान किया जाएगा. प्रोफेसर फिलिप कोटलर नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी, केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में मार्केटिंग के विश्व प्रसिद्ध प्रोफेसर हैं. बीमारी की वजह से प्रोफेसर कोटलर ने अमेरिका के जॉर्जिया में इमोरी यूनीवर्सिटी के डॉ. जगदीश सेठ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुरस्कार प्रदान करने के लिए भेजा था.