
पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सरहद पर तनाव है तो भारत में सियासत जारी है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल मोदी सरकार से सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े सबूत मांगकर घिर चुके हैं तो कांग्रेस नेता संजय निरुपम सर्जिकल स्ट्राइक को फर्जी बताकर अपनी पार्टी में ही अलग-थलग पड़ गए हैं. केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली तो निरुपम के खिलाफ मुंबई में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी इन नेताओं का मजाक उड़ रहा है.
ऐसी खबरें हैं कि सेना ने सरकार को सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े सबूत सार्वजनिक करने को हरी झंडी दे दी है. एक अंग्रेजी अखबार ने भी सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ा बड़ा खुलासा किया है. अखबार ने चश्मदीदों के हवाले से खबर दी है कि 29 सितंबर की रात हुए हमले में मारे गए लोगों के शवों को भोर से पहले ही ट्रक में लादकर ले जाया गया और उन्हें दफन कर दिया गया. यानी इन घटनाक्रमों के बाद सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सवाल उठाने वालों की बोलती बंद हो गई है.
विधानसभा चुनावों में भुनाने का मौका
अब सवाल उठता है कि क्या मोदी सरकार सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े वीडियो फुटेज या तस्वीरें सार्वजनिक करेगी या सेना की जरिये इसे दुनिया के सामने लाएगी. आने वाले दिनों में यूपी और पंजाब सहित कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. पीएम मोदी नवरात्रि के मौके पर यूपी विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की जोरदार शुरुआत भी करने की तैयारी में हैं. अगर मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी इस मसले को लेकर विधानसभा चुनावों में जाती है तो जनता के बीच संदेश जाएगा कि सरकार ने जो वादा किया था, उसे पूरा कर दिखाया.
वैसे भी जिस दिन डीजीएमओ ने प्रेस कांफ्रेंस कर सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी दी, उसी समय से सरकार और बीजेपी समर्थकों ने पीएम मोदी के पक्ष में हवा बनाने की कोशिश शुरू कर दी. क्योंकि उरी हमले में 18 जवानों की शहादत के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम उठाने को लेकर मोदी सरकार पर बड़ा दबाव था. लोग पीएम मोदी के चुनावी वादों का जिक्र करते हुए याद दिला रहे थे कि 56 इंच के सीने का क्या हुआ. लेकिन अब मोदी सरकार इन सबूतों के आधार पर सीना ठोककर कह सकती है कि उसने शहीदों की शहादत का बदला ले लिया है.
पाकिस्तान को तमाचा
सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े सबूत जगजाहिर कर मोदी सरकार पाकिस्तान को आइना दिखा सकती है. क्योंकि पाकिस्तान अब भी यह नहीं मान रहा है कि भारतीय सेना के कमांडो उसके कब्जे वाले इलाके में घुसे, आतंकियों के कैंप तबाह किए और बिना किसी नुकसान के लौट आए. पाकिस्तान इस घटना को दूसरा मोड़ देकर इसे सीजफायर का उल्लंघन ठहराने में जुटा है.
इसके अलावा केजरीवाल, निरुपम, दिग्विजय सिंह और पी चिदंबरम सरीखे नेताओं के बयान से पाकिस्तान को शह मिलता है. पाकिस्तान की मीडिया इन नेताओं के बयानों के आधार पर भारत की मौजूदा सरकार और भारतीय सेना को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. इस बहाने पाकिस्तान के हुक्मरान मोदी सरकार के दावों की खिल्लियां उड़ाने में जुटे हैं.
पड़ोसियों को भी सबक
इंडियन आर्मी के सर्जिकल स्ट्राइक को अमेरिका, ब्रिटेन और रूस समेत तमाम देशों का समर्थन मिला है. हालांकि, पाकिस्तान इस घटना को अपनी हार के तौर पर देख रहा है, इसलिए इसे सर्जिकल स्ट्राइक मानने को तैयार नहीं है और बार-बार परमाणु बम की धमकी दे रहा है. उरी हमले के बाद भारत ने तमाम पड़ोसी मुल्कों को अपने पाले में खींच लिया और पाकिस्तान को अलग-थलग कर लिया. लेकिन पाकिस्तान के प्रेम में अंधा चीन भारत को सबक सिखाने के दांव खेल रहा है. ड्रैगन ने भारत और पाकिस्तान को आपसी बातचीत के जरिये तनाव कम करने की नसीहत भी दी है.
स्ट्राइक के सबूत सामने आने के बाद पाकिस्तान पूरी तरह एक्सपोज हो जाएगा कि उसकी जमीन पर आतंक की फसल लहलहा रही है. इसके अलावा अन्य देशों को भी इससे सबक मिलेगी. ऐसे हालात में अगर मोदी सरकार सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े सबूत सार्वजनिक करती है तो उसे ही फायदा होगा.