
उत्तर प्रदेश पंचायती राज विभाग के सफाई कर्मचारियों ने राजधानी लखनऊ में विधानसभा के विरोध प्रदर्शन किया, जिस वजह से शुक्रवार दोपहर विधानसभा के पास ट्रैफिक जाम हो गया. प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस वालों को खासी मशक्कत करनी पड़ी.
पदोन्नति और पे-ग्रेड लागू करने की मांग
सफाईकर्मियों की मांग है कि राज्य सरकार इन्हें पदोन्नति देने का प्रस्ताव कैबिनेट से जल्द पास करे और उनके लिए 1900 रुपये का पे-ग्रेड लागू करे. इससे पहले इन सफाई कर्मचारियों ने अपनी इन्हीं मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आवास के घेराव का भी ऐलान किया था, लेकिन सरकार से आश्वासन मिलने के बाद वे पीछे हट गए थे.
सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष क्रांति सिंह का आरोप है कि सफाई कर्मचारियों से गांव में बंधुआ मजदूर की तरह काम लिया जाता है. उन्होंने कहा कि अपना पैसा पाने के लिए उन लोगों को अपने पेरोल पर प्रधान से दस्तखत कराना होता है, जिसकी वजह से उनका उत्पीड़न किया जाता है.
आचार संहित लागू होने से पहले पूरी कराना चाहते हैं मांग
बता दें कि सफाई कर्मचारियों की मांग बहुत पुरानी है और अब उन्हें यह चिंता सताने लगी है कि अगर विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित हो गई, तो आचार संहिता लागू होने की वजह से राज्य सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर पाएगी. इसलिए वह दबाव बना रहे हैं कि चुनाव की घोषणा होने से पहले ही राज्य सरकार उनकी मांग कैबिनेट की बैठक में मंजूर कर दे.