
जीएसएलवी एमके-3 के सफलता के बाद इसरो एक और बड़े कदम की तरफ बढ़ा दिया है. इसरो ने शुक्रवार को 31 सैटलाइट लॉन्च किए हैं. जिनमें विदेशी नैनो सैटलाइट भी शामिल हैं. इस पीएसएलवी ने इसरो के लॉन्चिंग पैड श्रीहरिकोटा से उड़ान भरी. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से गुरुवार को इसकी उलटी गिनती शुरू हो गई थी.
इस क्रम में धरती के अवलोकन के लिये प्रक्षेपित किये जा रहे 712 किलोग्राम वजनी कार्टोसैट-2 श्रृंखला के इस उपग्रह के साथ करीब 243 किलोग्राम वजनी 30 अन्य सह उपग्रहों को भी एक साथ प्रक्षेपित किए गए. पीएसएलवी-सी38 के साथ भेजे जा रहे इन सभी उपग्रहों का कुल वजन करीब 955 किलोग्राम है.
कई देशों के नैनो उपग्रह शामिल
इन उपग्रहों में भारत के अलावा ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चिली, चेज गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, स्लोवाकिया, ब्रिटेन और अमेरिका समेत 14 देशों के 29 नैनो उपग्रह शामिल हैं. पीएसएलवी-सी38 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के फर्स्ट लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया गया.
इससे पहले अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया था कि एंट्रिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड :एंट्रिक्स:, इसरो की व्यावसायिक शाखा और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के बीच व्यावसायिक व्यवस्थाओं के तहत 29 अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता नैनो उपग्रहों को प्रक्षेपित किया जा रहा है. इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने बताया कि प्रक्षेपण के लिये सभी गतिविधियां जारी हैं. उन्होंने 19 जून को Þ Þमंगलयान Þ Þ अभियान के 1000 दिन पूरे होने पर बधाई दी.