Advertisement

Pulwama Attack Anniversary: शहीद पंकज के परि‍जनों को व‍िधायक ने क‍िया था मकान बनवाने का वादा, भूले

पुलवामा हमले के एक साल हो चुके हैं. आजतक की टीम शहीद पंकज त्रिपाठी के घर पहुंची और यह जानने की कोशिश की कि शासन और नेताओं की ओर से जो वादे किए गए, वे पूरे हुए कि नहीं.

पुलवामा हमले के शहीद (फोटो-पीटीआई) पुलवामा हमले के शहीद (फोटो-पीटीआई)
aajtak.in
  • महराजगंज ,
  • 14 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:26 AM IST

  • सीआरपीएफ में चालक पद पर तैनात पंकज ने भी दी थी शहादत
  • शहादत के वक्त गर्भवती थीं पत्नी, दिया बेटी को जन्म

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज स्थित फरेंदा क्षेत्र के हरपुर बेलहिया निवासी पंकज त्रिपाठी भी पुलवामा हमले में शहीद हुए थे. पंकज सीआरपीएफ में चालक के पद पर तैनात थे. पंकज अपने पीछे प्रतीक के रूप में एक बेटा छोड़ गए. प्रतीक का जन्म 2016 में हुआ था. पंकज की शहादत के समय पत्नी रोहिणी गर्भवती थी. कुछ समय बाद शहीद के घर किलकारी गूंजी और शहीद की पत्नी ने बेटी को जन्म दिया.

Advertisement

पहले लापता होने की खबर मिली, फिर शहादत की

शहीद पंकज के बारे में बताते हुए पत्नी की आंखें नम हो जाती हैं. शहीद की पत्नी ने बताया कि पुलवामा हमले के बाद देर रात सीआरपीएफ कमांडेंट ने पहले फोन कर पिता ओमप्रकाश त्रिपाठी को पंकज के लापता होने की सूचना दी. फिर अगले दिन सुबह उनके शहादत की खबर घर पहुंची.

विधायक ने पूरा नहीं किया अपना वादा

वहीं, पंकज के शहीद होने के बाद कई निजी व सरकारी संगठनों ने मदद का वादा किया था, उसमें कुछ ने अपना वादा पूरा किया और कुछ के वादे, वादे ही रह गए. पंकज त्रिपाठी की शहादत के समय महराजगंज के नौतनवा विधानसभा से निर्दलीय विधायक पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी के बेटे अमन मणि त्रिपाठी ने शहीद के परिवार को मकान बनवाने के लिए पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का वादा किया था. शहादत को एक साल पूरे होने को हैं लेकिन विधायक जी का वादा अभी भी अधूरा है.

Advertisement

पुलवामा: शहीद हेमराज का बनेगा स्मारक, पैतृक गांव में होगा लोकार्पण

शहीद की पत्नी को मिली सरकारी नौकरी

शहीद पंकज त्रिपाठी की पत्नी रोहिणी को राज्य सरकार ने सरकारी नौकरी देने का वादा किया था. रोहणी ने पहले लक्ष्मीपुर ब्लाक में कनिष्ठ सहायक पद पर कार्यभार ग्रहण किया, फिर कार्यस्थल घर से दूर होने के कारण रोहिणी ने शासन को पत्र लिखकर अपना स्थानांतरण फरेंदा ब्लॉक में करवा लिया. अभी वह फरेंदा ब्लॉक में सेवा दे रही हैं.

शहीद के नाम से है गांव का स्कूल

पंकज त्रिपाठी के शहीद होने के बाद शासन ने वादा किया था कि गांव के स्कूल का नाम शहीद के नाम पर होगा. कुछ दिनों बाद स्कूल का नाम पूर्व माध्यमिक विद्यालय से अमर शहीद पंकज त्रिपाठी विद्यालय, बेलहिया रखा गया.

पुलवामा हमले का एक साल: शहीद हुआ बेटा पर पिता को है लौट आने की उम्मीद

शहीद स्मारक पर चल रहा है काम

शहीद पंकज त्रिपाठी के नाम पर गांव में ही शहीद स्मारक बनाया जा रहा है. स्मारक बनाने का काम जोरशोर से चल रहा है. यह काम पहले ग्राम सभा को मिला था लेकिन कोई बजट न होने के कारण प्रधान आना-कानी करने लगे, फिर शासन ने इसका कार्यभार जिला पंचायत को सौंप दिया. अभी जिला पंचायत द्वारा शहीद स्मारक बनाया जा रहा है.

Advertisement

शहीद के घर तक बना रास्ता

शहीद पंकज त्रिपाठी के घर तक जाने का सही रास्ता नहीं था लेकिन शासन ने शहीद के घर तक जाने के लिए सीसी रोड बनाकर रास्ते को सही किया. ऐसे ही गांव में एंट्री के पहले एक गेट लगाया गया है जिस पर शहीद की प्रतिमा भी स्थापित की गई है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement