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भीमा कोरेगांव हिंसा: सुधा भारद्वाज समेत तीन आरोपियों को कोर्ट से झटका, जमानत याचिका खारिज

पुणे सेशन कोर्ट ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में सुधा भारद्वाज, वेरनॉन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा को राहत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने तीनों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

सुधा भारद्वाज (फोटो-फाइल/PTI) सुधा भारद्वाज (फोटो-फाइल/PTI)
पंकज खेळकर /देवांग दुबे गौतम
  • नई दिल्ली,
  • 26 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 7:39 PM IST

पुणे की विशेष अदालत ने भीमा-कोरेगांव एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, वेरनॉन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा को राहत देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने तीनों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. न्यायमूर्ति के डी वडने ने इस पर फैसला सुनाया.

जमानत के आदेश में न्यायाधीश के डी वडने ने जांच के दौरान जांच अधिकारी द्वारा एकत्रित सामग्री का जिक्र किया है. खारिज किया जमानत आदेश 19 पेज और 39 पॉइंट में है. आदेश में 18 अप्रैल 2017 के एक पत्र का जिक्र किया गया है. इस पत्र को जांच एजेंसी ने एल्गार परिषद मामले में आरोपी और सह आवेदक के पास से जब्त किया था.

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इसमें वेरनॉन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा का संदर्भ है. पत्र में 8 करोड़ रुपये की जरूरत और एम4 हथियार खरीदने का जिक्र किया गया है. 2 जनवरी 2018 के एक लेटर में कहा गया है कि सुधा भारद्वाज ने माओवादियों द्धारा आयोजित एक बैठक में भी हिस्सा लिया था.

जब्त किए गए पत्र में से एक का कहना है कि आरोपी गोंजाल्विस और फरेरा ने कट्टरपंथी छात्रों के संघ के तहत महेश और नंदू जैसे युवाओं को भर्ती कराया था. इसके बाद ये दोनों गुरिल्ला जोन प्रशिक्षण के लिए भेज दिए गए. बता दें कि 28 अगस्त को  गिरफ्तार किए गए पांच कथित माओवादी नेताओं को पुणे लाया जाना था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी को चुनौती देने के बाद 26 अक्टूबर तक पांचों आरोपियों को हाउस अरेस्ट में भेज दिया गया था.

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