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देश की राजनीति शरद पवार के इर्द- गिर्द ही घूम रही है: अजित पवार

हल्लाबोल सभा में अजित पवार ने केंद्र और राज्य के बीजेपी सरकार पर चौतरफा वार किया. उन्होंने कहा कि हर मुद्दे में सरकार असफल रही है. अच्छे दिन दूर- दूर तक दिखाई नहीं दे रहे हैं.

अजीत पवार अजीत पवार
पंकज खेळकर /मोनिका गुप्ता/केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 11 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 5:57 PM IST

पुणे और पिंपरी- चिंचवड में बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की हल्लाबोल सभा हुई है. यहां भाषण देते हुए एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व उप-मुख्यमंत्री रह चुके अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद राव पवार की तारीफों के पुल बांधे. साथ ही केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर चौतरफा वार किया.

अजित पवार ने कहा कि आज दिल्ली में शरद पवार का सम्मान कितना है, ये सभी जानते हैं. चाहे ममता बनर्जी हो , या अखिलेश यादव हो, राहुल गांधी हो या चंद्रबाबू नायडू हो, देश की राजनीति शरद पवार के इर्द- गिर्द ही है. ये हकीकत है.

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उन्होंने कहा कि दिल्ली में मराठी नेता यशवंत राव चौहान के बाद और कोई मराठी नेता ये नहीं कर पाया है. ये सिर्फ शरद पवार ने ही कर दिखाया है.

बीजेपी राज में हुई सबसे ज्यादा आत्महत्या

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार हर मुद्दे में सरकार असफल रही है. अच्छे दिन दूर- दूर तक दिखाई नहीं दे रहे हैं. हर कोई सरकार को कोस रहा है. चाहे वो व्यापारी हो या किसान. व्यापारी जीएसटी से नाराज हैं. नोटबंदी से परेशानी हुई. शेयर बाजार में नुकसान हो गया है. ऐसे खत लिखकर व्यापारी आत्महत्या कर रहे हैं. अजित पवार ने आरोप लगाया है कि सबसे ज्यादा आत्महत्या बीजेपी के राज में हुई है.

अजित पवार ने कहा कि लोग अब मंत्रालय में जाते हैं. वहां खत लिखते हैं और फिर आत्महत्या करते हैं. मंत्रालय की पुलिस भी बहुत डरी हुई है. जब खुदखुशी की घटनाएं बढ़ गईं तो मुख्यमंत्री साहब ने तो मंत्रालय में ही जाली लगा डाली. ताकि खुदखुशी करने वालों को रोका जा सके. अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस को चुनौती देते कहा के राज्य में कहां- कहां ऐसी जाली लगाओगे. जाली लगाने से कुछ नहीं होगा. सरकार की नीतियां किसानों के हित में होनी चाहिए. ताकि किसान को दिलासा मिले कि सरकार उनके लिए कार्यरत है.

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अजित पवार ने फडणवीस सरकार की आलोचना

अजित पवार ने फडणवीस सरकार को आलोचना की. उन्होंने कहा के ये सरकार संवेदनशीलता भी भूल चुकी है. क्योंकि जिस दिन एक व्यक्ति ने मंत्रालय में खुदखुशी की तो मौकाए वारदात पर अजित पवार, जयंतराव देशमुख और धनंजय मुंडे गए. लेकिन सरकार के कुछ मंत्री गाड़ी में बैठकर वहां से निकल भाग रहे थे. ये बात साबित करती है के सत्ताधारी सरकार में इंसानियत नाम की कोई चीज नहीं रही.

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