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पुणे के सावित्री बाई फुले विश्वविद्यालय अपने सर्कुलर की वजह से सुर्खियों में है. पुणे विश्वविद्यालय के इस सर्कुलर के अनुसार अब विद्यार्थियों को शाकाहारी होने या ना होने के आधार पर गोल्ड मेडल दिया जाएगा. विश्वविद्यालय की ओर से गोल्ड मेडल पाने की शर्तों में शाकाहारी होना, भारतीय संस्कृति का समर्थक होना आदि शामिल है.
सर्कुलर के अनुसार 10 ऐसी शर्तें तय की गई हैं, जो महर्षि कीर्तंकर शेलार मामा गोल्ड मेडल के लिए पात्रता तय करते हैं. इनमें शाकाहारी होने की शर्त भी शामिल है. साथ ही इन शर्तों में नशा ना करना, योग, प्राणायाम करना आदि भी शामिल है. इस साल यह सर्कुलर 31 अक्टूबर को पुन: जारी किया गया है. हालांकि छात्र संगठन इसका विरोध कर रहे हैं.
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बता दें कि यह मेडल योग महर्षि रामचंद्र गोपाल शेलार और त्यागमूर्ति श्रीमति सरस्वती रामचंद्र शेलार के नाम पर योग गुरु ट्रस्ट द्वारा दिया जाता है. साथ ही यह मेडल साइंस और नॉन साइंस के पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को दिया जाता है. हालांकि यूनिवर्सिटी का कहना है कि उन्होंने यह शर्तें तय नहीं की है और ट्रस्ट के सामने इस मामले को उठाया जाएगा.
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सर्कुलर पर शिवसेना और एनसीपी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. शिवसेना के युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने विश्वविद्यालय की निंदा की है. ठाकरे ने कहा कि कोई क्या खाए क्या ना खाए ये उसका अपना फैसला होना चाहिए. यूनिवर्सिटी को केवल पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए.