
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ राजनीतिक दलों का हल्ला बोल जारी है. कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी पार्टियों ने इस कानून के खिलाफ मोर्चे बंदी की. अब कांग्रेस अपने राज्यों में इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने की तैयारी में है. मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कैबिनेट की बैठक करेंगे, जिसमें सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया जा सकता है.
बता दें कि बीते दिनों कांग्रेस पार्टी की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें संकेत मिले थे कि कांग्रेस शासित प्रदेशों में राज्य सरकारें विधानसभा में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रस्ताव ला सकती हैं. अब पंजाब इसकी शुरुआत करने जा रहा है. अगर पंजाब सरकार की ओर से विधानसभा में बिल पेश किया जाता है तो आम आदमी पार्टी के विधायकों पर भी नज़र रहेगी. क्योंकि वोटिंग के वक्त क्या AAP दिल्ली में अपने विरोधी दल कांग्रेस के साथ आएगी?
किन राज्यों में है कांग्रेस सरकार?
पंजाब
मध्य प्रदेश
राजस्थान
महाराष्ट्र (गठबंधन)
छत्तीसगढ़
पुड्डूचेरी
गौरतलब है कि इन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने नागरिकता कानून का विरोध किया है और अब कांग्रेस आलाकमान के आदेशानुसार राज्य सरकारें इसपर आगे कदम बढ़ा सकती हैं. बता दें कि अभी तक केरल की लेफ्ट सरकार ने ही इस कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया है.
विपक्ष के साथ बनाई कांग्रेस ने रणनीति
सोमवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे पर एक दर्जन से अधिक राजनीतिक दल एक साथ आए और देश के मौजूदा हालात पर चर्चा की. इनमें नागरिकता संशोधन एक्ट, जेएनयू हिंसा, अर्थव्यवस्था को लेकर बात की गई. कांग्रेस के अलावा राजद, लेफ्ट पार्टियां, जेएमएम, शरद यादव समेत अन्य कुछ बड़े दल बैठक में शामिल हुए थे. हालांकि, AAP, BSP, SP जैसे बड़े राजनीतिक दलों ने इस बैठक से दूरी बनाई.