
‘उड़ता पंजाब’ यानि ड्रग्स की समस्या की वजह से पंजाब में बीते विधानसभा चुनाव में अकाली दल को भारी सियासी नुकसान सहना पड़ा था, यहां तक कि सत्ता से भी बेदखल होना पड़ा. पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई में कांग्रेस सरकार ड्रग्स को लेकर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर चल रही है.
इसी के तहत अमरिंदर सरकार ने ड्रग्स के सप्लायर्स और तस्करों के लिए मौत की सजा की सिफारिश केंद्र सरकार के पास भेजने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने इस आशय का प्रस्ताव सोमवार को मंजूर किया.
अमरिंदर सरकार के मुताबिक मौत की सजा इस जघन्य अपराध को रोकने के लिए प्रतिरोधक की तरह काम करेगी. पंजाब और देश के कई दूसरे हिस्सों में भी नौजवानों की जिंदगी तबाह करने के लिए ड्रग्स की लत जिम्मेदार है, लेकिन नशा तस्करी और बिक्री को बढ़ावा देने वाले तथा युवाओं और यहां तक कि महिलाओं को भी नशे के गर्त में धकेलने वाले पुलिस अधिकारियों पर चुप्पी साधे रही. कई पुलिस कर्मचारी बेखौफ वर्दी पहनकर हेरोइन का इस्तेमाल करने में मशगूल हैं.
पंजाब सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता के मुताबिक चंडीगढ़ में कैबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार को औपचारिक सिफारिश भेजने का फैसला किया गया. कैबिनेट ने एसीएस (गृह) एनएस कलसी की अध्यक्षता में एक स्पेशल वर्किंग ग्रुप बनाने का भी फैसला किया जो दिन प्रतिदिन के आधार पर ड्रग्स की समस्या पर काबू पाने के लिए की जाने वाली कार्रवाई की निगरानी और समीक्षा करेगा.
ड्रग्स के खिलाफ सरकारी रणनीति को अपडेट रखने वाले इस स्पेशल वर्किंग ग्रुप में एसीएस (स्वास्थ्य) सतीश चंद्र, डीजीपी (कानून और व्यवस्था) ईश्वर सिंह, डीजीपी (इंटेलीजेंस) दिनकर गुप्ता और एडीजीपी (एसटीएफ) एच एस सिद्धू बतौर सदस्य शामिल रहेंगे.
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट की एक सबकमेटी भी बनाई गई है. स्पेशल वर्किंग ग्रुप सीधे इस सबकमेटी को रिपोर्ट करेगा. सबकमेटी में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और सामाजिक सुरक्षा मंत्री को सदस्य बनाया गया है. ये सब कमेटी हफ्ते में एक बार बैठक कर स्थिति का जायजा लेगी. साथ ही सरकार की ओर से चलाए जाने वाले ड्रग्स विरोधी अभियान की प्रगति की समीक्षा करेगी.
सोमवार को बैठक शुरू होने से पहले कैबिनेट के सभी सदस्यों ने अफगानिस्तान में हुए हमले में मारे गए सिखों को मौन खड़े रह कर श्रद्धांजलि दी. कैबिनेट ने पंजाब में ड्रग्स की ओवरडोज की वजह से मारे गए नौजवानों और खुदकुशी करने वाले किसानों के परिवारों के लिए भी सांत्वना व्यक्त की.
कैबिनेट की औपचारिक बैठक से पहले अनौपचारिक विचार विमर्श भी हुआ. इसमें गृह विभाग और पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कैबिनेट के सदस्यों को हालात से अवगत कराया गया. इस मौके पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी मौजूद रहे.
विचार विमर्श के दौरान मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्य के डीजीपी सुरेश अरोड़ा को ड्रग्स की बुराई पर पुलिस की ओर से टूट पड़ने के आदेश दिए गए. मुख्यमंत्री ने आगाह किया कि इस मुद्दे पर किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
कैबिनेट ने ड्रग्स की ओवरडोज की वजह से हुई मौतों के मामलों की जानकारी ली. एसटीएफ चीफ एच एस सिद्धू ने इसे चिंता का विषय बताया. सिद्धू ने ऐसे सभी मामलों को दर्ज करने के बाद गहन जांच का सुझाव दिया जिससे कि पहचान करने के बाद इससे जुड़े खतरों को कम से कम किया जा सके. सिद्धू ने मुख्यमंत्री को अपनी टीम की ओर से ड्रग्स की बुराई से लड़ने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ने का आश्वासन दिया.
इस मौके पर एसीएस (गृह) एन एस कलसी, डीजीपी सुरेश अरोड़ा, स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, जल आपूर्ति मंत्री रजिया सुल्ताना, आवास और शहरी विकास मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने ड्रग्स की चुनौती से निपटने के लिए अपने विचार रखे.