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पंजाब में मुफ्त स्मार्टफोन की स्कीम पर कोरोना वायरस की नजर

पंजाब में युवाओं को मुफ्ट मिलने वाले स्मार्टफोन पर कोरोना वायरस की नजर लग गई है. विधानसभा में बुधवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से मुफ्ट में बंटने वाले फोन नहीं दिए जा रहे हैं.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो-फेसबुक) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो-फेसबुक)
सतेंदर चौहान
  • चंडीगढ़,
  • 26 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:59 PM IST

  • कोरना वायरस की वजह से नहीं बांटे जा रहे मुफ्त में स्मार्टफोन
  • विपक्ष ने उठाए सवाल, 3 साल पहले नहीं था कोरोना वायरस

पंजाब के युवाओं को मुफ्त में बांटे जाने स्मार्टफोन पर कोरोना वायरस की नजर लगी है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि कोरोना वायरस की वजह से मुफ्त में बंटने वाले फोन नहीं उपलब्ध हो पा रहे हैं. विपक्ष ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कि तीन साल पहले तो कोरोना वायरस का अस्तित्व भी नहीं था.

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पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब विधानसभा के अंदर राज्यपाल के अभिभाषण का जवाब देते हुए 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान युवाओं को स्मार्टफोन दिए जाने के वादे पूरे ना कर पाने को लेकर एक अजीबो-गरीब बयान दे दिया.

सीएम ने कहा कि युवाओं को जो स्मार्टफोन कांग्रेस सरकार के द्वारा दिए जाने हैं वो चीन से आने वाले हैं. लेकिन चीन में कोरोना वायरस फैला हुआ है. इस वजह से वो फोन नहीं आ पा रहे हैं. हालांकि पंजाब सरकार ने पहले वायदा किया था कि 26 जनवरी 2020 से युवाओं को स्मार्टफोन दिए जाएंगे. इसकी शुरुआत सबसे पहले लड़कियों में स्मार्टफोन बांटकर की जाएगी.

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लेकिन अब कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस बयान पर पंजाब विधानसभा में विपक्षी पार्टियां आम आदमी पार्टी और अकाली दल आक्रामक हो गए. इसे कैप्टन अमरिंदर सिंह का पंजाब के युवाओं के साथ मजाक करार दे दिया.

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'युवाओं के साथ एक भद्दा मजाक'

अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि ये युवाओं के साथ एक भद्दा मजाक है. कोरोना वायरस के बहाने का इस्तेमाल करके कैप्टन अमरिंदर सिंह अपना वादा ना पूरा कर पाने की नाकामी को छुपा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कैप्टन युवाओं में डर भी पैदा कर रहे हैं कि अगर चीन से मंगवाए गए इन स्मार्टफोन को उन्होंने ले भी लिया तो वो भी कोरोना वायरस का शिकार हो सकते हैं. पंजाब की कैप्टन सरकार देश में अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी गप्पी सरकार है.

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वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस बयान को आम आदमी पार्टी(AAP) ने भी युवाओं के साथ मजाक करार दिया. AAP कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अगर युवाओं को स्मार्टफोन नहीं देने हैं तो कोई और बहाना कर सकते थे. लेकिन उन्होंने कोरोना वायरस के डर का इस्तेमाल करके ये अजीबो-गरीब बयान विधानसभा के अंदर दे दिया है. इससे साफ है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस के मेनिफेस्टो में युवाओं के साथ किए गए वादों को पूरा नहीं करना चाहते. इसी वजह से बेतुके बयान सदन के अंदर दे रहे हैं.

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'बयान का न उड़ाएं मजाक'

कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान पर पंजाब के युवा एवं खेल मंत्री राणा गुरमीत सोढ़ी ने सफाई देते हुए कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान को मजाक में ना लिया जाए. वो जो कह रहे हैं, बिल्कुल सही कह रहे हैं. चीन में कोरोना वायरस फैलने की वजह से तमाम प्रोडक्शन बंद है. दूसरे देशों में वहां के सामान की सप्लाई भी नहीं आ रही और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसी संदर्भ में अपना बयान दिया था लेकिन विपक्षी पार्टियां इसे बेवजह दूसरा एंगल देने की कोशिश कर रही हैं.

क्या है कैप्टन सरकार की दलील?

कैप्टन अमरिंदर सिंह का मतलब ये नहीं था कि फोन के अंदर भी कोरोना वायरस फैला हुआ है. इसी वजह से वो फोन चीन से मंगवा कर पंजाब के युवाओं को नहीं दे सकते. हालांकि जब उन्हें याद दिलाया कि इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ही वायदा किया.

कैप्टन का कहना था कि 26 जनवरी 2020 से पंजाब के युवाओं को स्मार्टफोन बांटने शुरू कर दिए जाएंगे तो उन्होंने कहा कि किसी तकनीकी वजह से देरी हो सकती है. फिलहाल कोरोना वायरस फैलने की वजह से चीन से फोन मंगवाना संभव नहीं है. यही बात कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सदन के अंदर कही है.

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2017 में किया था स्मार्टफोन देने का वादा

2017 विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के मेनिफेस्टो में कई लोक लुभावने वायदे किए थे जिनमें युवाओं को स्मार्टफोन दिए जाने का वायदा भी एक था. इसी वजह से युवाओं का काफी अच्छा रिस्पांस भी कांग्रेस को मिला था . लेकिन सरकार बने 3 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है. अब तक ये वायदा कांग्रेस सरकार की और से पूरा नहीं किया गया है.

हर बार एक के बाद एक दूसरी तारीख दे दी जाती है. फिलहाल कोरोना वायरस का बहाना कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से कर दिया गया है और इससे साफ है कि अभी पंजाब के युवाओं को स्मार्टफोन मिलने में और भी इंतजार करना पड़ेगा.

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