
पंजाब के मोहाली में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा पंजाब में मुख्यमंत्री के लिए अरविंद केजरीवाल का कथित तौर पर नाम लेने के बाद बढ़े विवाद का खुद अरविंद केजरीवाल ने अंत कर दिया. पंजाब के पटियाला के चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने साफ किया कि वो दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और पंजाब का मुख्यमंत्री कोई पंजाब से ही होगा. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे दिल्ली ने जिम्मेदारी सौंपी है और मैं दिल्ली का ही मुख्यमंत्री हूं, पंजाब का मुख्यमंत्री नहीं बनूंगा, पंजाब का मुख्यमंत्री पंजाब से ही होगा, लेकिन पंजाब के लोगों से किए गए वादे को निभाने की जिम्मेदारी मेरी होगी.
इससे पहले मनीष सिसोदिया ने कहा था कि पंजाब के लोग वोट डालते समय केजरीवाल को सीएम बनाने के लिए वोट डाले, सीएम कोई भी हो, आपके काम करवाने की जिम्मेदारी अरविंद
केजरीवाल की होगी. सिसोदिया के बयान के बाद कांग्रेस और अकाली दल ने आम आदमी पार्टी को घेर लिया. अकाली दल ने कहा कि अरविंद केजरीवाल हरियाणवी हैं और पंजाब किसी बाहरी को बर्दाश्त
नहीं करेगा. कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर ने भी आप को आड़े हाथों लेते हुए हमला बोला, अमरिंदर ने कहा कि केजरीवाल की महत्वकांक्षा सामने आ गई है.
आम आदमी पार्टी सूत्रों की मानें तो सिसोदिया के बयान को कथित तौर पर मीडिया द्वारा गलत प्रचार किए जाने के बाद से पार्टी को पंजाब में नुकसान उठाना पड़ सकता था. ऐसे में पंजाब में लड़ाई कहीं पंजाब बनाम बाहरी ना बन जाए इसलिए समय रहते इस विवाद को रोकना जरूरी था.
अरविंद केजरीवाल ने इससे पहले भी कई बार कहा था कि वो दिल्ली छोड़कर नहीं जाएंगे. ऐसे में अगर वो पंजाब का रास्ता अपनाते हैं तो उनकी राजनीतिक परिपक्वता और दिल्ली के साथ किए गए वादों पर गंभीर सवाल उठ सकते हैं जो पार्टी के दूरगामी भविष्य के लिए खतरा बन सकते हैं.