
पंजाब सरकार ने एसवाईएल नहर के निर्माण के लिए अधिग्रहण की गई जमीनों को किसानों को वापस कर दिया है. पिछले 72 घंटे में रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने दिन-रात एक कर इन जमीनों के कागजात तैयार किए. बुधवार की शाम को पटियाला के कपूरी गांव में हुए एक कार्यक्रम में रेवेन्यू मिनिस्टर बिक्रम सिंह मजीठिया ने किसानों को कागजात सौंप दिए.
अधिग्रहण की गई जमीन पर किसानों का मालिकाना हक दोबारा से हो गया है. पंजाब सरकार ने हरियाणा-पंजाब की सीमा पर बसे कपूरी गांव में यह कार्यक्रम इसलिए आयोजित किया है क्यूंकि इसी कपूरी गांव में 34 साल पहले एसवाईएल की नींव तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा रखी गई थी. इस कार्यक्रम के बहाने रेवेन्यू मिनिस्टर बिक्रम सिंह मजीठिया ने कांग्रेस और कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भी जमकर हमला बोला. मजीठिया ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे को नाटक करार देते हुए कहा कि अगर कैप्टन को इस्तीफा देना है तो वह संसद से नहीं बल्कि कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दें.
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में होनी है सुनवाई
पंजाब सरकार ने यह कार्यवाही सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई से पहले किया है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सरकार की उस याचिका पर सुनवाई होनी है जिसमें हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि पंजाब सरकार एसवाईएल को लेकर विधानसभा में जो प्रस्ताव पारित कर चुकी है उन पर रोक लगाई जाए. साथ ही किसानों को एसवाईएल के लिए अधिग्रहण की गई जमीन वापस ना देने दी जाएं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले ही पंजाब सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए किसानों को इस जमीन के कागज बांटकर सुप्रीम कोर्ट को सीधी चुनौती दे दी है.
पंजाब सरकार ने किसानों से मुआवजा राशि भी वापस नहीं ली है. उल्टा किसानों को पंजाब सरकार की तरफ से ₹10,000 प्रति एकड़ दिए जा रहे हैं ताकि किसान इस जमीन को समतल कर सकें. कई साल पहले एसवाईएल के निर्माण के लिए ये जमीन अधिग्रहित की गई थी. नहर बनाने के लिये इस जमीन को खोद दिया गया था.
पंजाब के वे किसान जिनसे 34 साल पहले जमीन एसवाईएल बनाने के लिए सरकार ने कब्जे में ली थी, उन्होंने जमीन वापस मिलने पर सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. किसानों ने कहा कि वे जल्द ही इस जमीन पर खेती शुरू कर देंगे. वहीं पंजाब सरकार के इस कदम पर हरियाणा सरकार की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया दी गई है. हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि पंजाब सरकार एक हारे हुए खिलाड़ी की तरह व्यवहार कर रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट से हरियाणा को इंसाफ मिलेगा.
इस कदम से यह साफ है कि पंजाब किसी भी हाल में एसवाईएल के मुद्दे पर झुकने को तैयार नहीं है. चुनावी साल होने की वजह से यह पंजाब की अकाली-बीजेपी सरकार की मजबूरी भी है. इसी वजह से पंजाब सरकार सीधे सुप्रीम कोर्ट को चुनौती देने पर उतारू हैं.