
पंजाब में भले ही सरकारी खजाना खाली हो और सरकार तमाम तरह की कटौतियों की बात कह रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि सूबे की सरकार मंत्रियों के ऐशो आराम में कोई कमी नहीं रख रही है. राजकोष की हालत इतनी नाजुक है कि नई सरकार को पहले महीने में ही कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए आरबीआई से ओवरड्राफ्ट लेना पड़ा.
भले ही सरकार के पास मंडियों में पड़ी किसानों की फसल खरीदने के लिए पैसे न हों, लेकिन मंत्रियों के शानो-शौकत में कोई कमी ना आए, इसके लिए सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. कांग्रेस की सरकार बने एक महीना हो गया है, लेकिन अभी तक कई मंत्री अपनी सरकारी कोठियों में प्रवेश नहीं किया है. दरअसल, ज्यादातर मंत्री अपनी कोठियों में अपने इंटीरियर और सुविधाओं के हिसाब से इनको रेनोवेट करवाना चाहते हैं. यही वजह है कि सूबे के मंत्रियों की कोठियों में दिन-रात काम चल रहा है.
कोई मंत्री खुलकर बोलने को तैयार नहीं
फिलहाल कोई भी खुलकर यह नहीं बता रहा है कि इन कोठियों पर कितना खर्च आएगा, लेकिन इतना तो तय है कि इन कोठियों और दफ्तरों में करोड़ों रुपये का खर्च आएगा. मामले में पंजाब के कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह
चन्नी ने कहा, "मुझे जो कोठी मिली है, मैं उसमें पहले से ही बतौर नेता विपक्ष रह रहा था. लेकिन पिछली सरकार ने नेता विपक्ष की कोठी होने के नाते इस घर में कोई काम नहीं किया और अब जब हमारी सरकार आई है, तो मैं
इस कोठी में अपना काम करवा रहा हूं." इस बाबत पंजाब सरकार के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल का कहना है कि हम सब वहीं काम करा रहे हैं, जहां मकानों और दफ्तरों में जरूरत दिख रही है.
सिद्धू के कार्यालय में भी सरकार खर्च कर चुकी है मोटी रकम
इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू के कार्यालय पर सरकार लाखों रुपए खर्च कर चुकी है. अब नवजोत की देखा-देखी कई ऐसे मंत्री हैं, जो अपने आवास के साथ-साथ दफ्तरों को भी चमकाना चाहते हैं. इनके अंदर एसी,
फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और कंप्यूटर तक बदले जा रहे हैं, लेकिन राज्य के खजाने की सबसे ज्यादा जानकारी रखने वाले मंत्री कह रहे हैं कि खर्च सिर्फ वहां किया जा रहा है, जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है. आज
तक के संवाददात सत्येंद्र चौहान ने ऐसे ही एक आलीशान बंगले में चल रहे काम का जायदा लिया.