
पंजाब कैबिनेट द्वारा राज्य को सतलुज-यमुना संपर्क नहर के लिए हरियाणा से मिला सारा कोष वापस करने के फैसले के मुताबिक पंजाब सरकार ने हरियाणा सरकार को 191.75 करोड़ रुपये का चेक भेजा.
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने बुधवार शाम हरियाणा के अपने समकक्ष मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखकर पंजाब को नहर के लिए हरियाणा से मिला पूरा कोष लौटाने के मंत्री परिषद के फैसले के बारे में सूचना दी.
खट्टर के नाम बादल की चिट्ठी
बादल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘इसलिए मैं इसके साथ 997640 नंबर का चेक संलग्न कर रहा हूं, जो 191.75 करोड़ रुपये का है.’ पंजाब और हरियाणा के बीच नदी जल बंटवारे का दशकों पुराना कानूनी विवाद वापस सुखिर्यों में आ गया है.
पूरा कोष वापस करने को मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब समझौता निरस्तीकरण अधिनियम 2004 की वैधता पर इस हफ्ते फिर से सुनवाई शुरू की थी. पंजाब कैबिनेट ने नहर के संबंध में हरियाणा से मिला पूरा कोष वापस करने को मंजूरी दे दी थी.
हरियाणा को पानी नहीं देने का फैसला
कैबिनेट ने इस को भी दोहराया था कि शिअद-बीजेपी की गठबंधन सरकार अपने हिस्से के नदी के न्यायोचित पानी की एक बूंद भी हरियाणा को नहीं देने को लेकर दृढ़ता से प्रतिबद्ध है.
पंजाब की जीवनरेखा है पानी
कैबिनेट ने कहा कि पानी पंजाब की जीवनरेखा है. इसको किसी के साथ भी बांटने का सवाल ही नहीं उठता है और पंजाब की नदी के पानी को लेकर किसी तरह के अन्यायपूर्ण फैसले को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा.