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मौत का जामः क्या होती है जहरीली शराब, कैसे हो जाती है जानलेवा

जहरीली शराब हर साल देश में कहीं ना कहीं कई लोगों की जान ले लेती है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कच्ची शराब जहरीली शराब में कैसे तब्दील हो जाती है? इस बात का जवाब कच्ची शराब बनाने के तरीके में ही छुपा है.

पंजाब पुलिस कच्ची शराब बनाने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है (सांकेतिक चित्र) पंजाब पुलिस कच्ची शराब बनाने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है (सांकेतिक चित्र)
aajtak.in/परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 5:50 PM IST

  • पंजाब में जहरीली शराब ने ली 86 लोगों की जान
  • मिथाइल अल्कोहल बनता है मौत का कारण

पंजाब में जहरीली शराब ने ऐसा कहर बरपाया कि इसे पीने से अब तक 86 लोगों की जान चली गई है. अकेले तरन तारन जिले में ही 40 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि अमृतसर में 12 और गुरदासपुर के बटाला में 9 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. तरन तारन के एसएसपी ने इस घटना के बाद 2 थाना प्रभारी और एक डीएसपी को सस्पेंड किया है. इस बात की भी जांच चल रही है कि इन निलंबित किए गए पुलिस अधिकारियों की अवैध नशे के सौदागरों के साथ कोई मिलीभगत तो नहीं.

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कच्ची शराब के लिए बनता है लहन

जहरीली शराब हर साल देश में कहीं ना कहीं कई लोगों की जान ले लेती है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कच्ची शराब जहरीली शराब में कैसे तब्दील हो जाती है? इस बात का जवाब कच्ची शराब बनाने की प्रक्रिया और इसके तरीके में ही छुपा है. इसे बनाने का तरीका हैरान करने वाला भी है. दरअसल, कच्ची शराब बनाने में महुए की लहन का इस्तेमाल होता है, जिसे पहले सड़ाना पड़ता है. उसे सड़ाने के लिए ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल किया जाता है. कई जगहों पर इसमें नौसादर और यूरिया भी मिलाया जाता है.

ऐसे जहरीली बन जाती है कच्ची शराब

सीधे शब्दों में कहें तो कच्ची शराब बनाने वाले उसे ज्यादा नशीला बनाने की कोशिश करते हैं और इसी चक्कर में कच्ची शराब जहरीली हो जाती है. अधिकतर कच्ची शराब का लहन बनाने के लिए गुड और शीरे का इस्तेमाल होता है. फिर लहन को मिट्टी में गाड़ दिया जाता है. जिसमें यूरिया और बेसरमबेल की पत्ती मिलाई जाती है. इस अवैध कारोबार को करने वाले इसे अधिक नशीला बनाने के लिए इसमें ऑक्सीटोसिन मिला देते हैं. बस यही वो पदार्थ है, जो इसे मौत का जाम बना देता है.

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लहन की भाप से भी बनती है कच्ची शराब

कुछ इलाकों में अवैश नशे का कारोबार करने वाले कच्ची शराब बनाने के लिए 5 किलो गुड़ में 100 ग्राम ईस्ट और यूरिया मिलाकर उसे जमीन में गाड़ देते हैं. जब उसमें लहन उठ जाता है तो उस लहन को किसी बड़े बर्तन या मटके में मुंह बंदकर भट्टी पर चढ़ा देते हैं. गर्म होने के बाद जब इसमें भाप बनती है, तो उसी से शराब निकाली जाती है. सूत्रों के मुताबिक उपरोक्त तरीकों के अलावा कच्ची शराब का लहन बनाने के लिए सड़े हुए संतरे, या उसके छिलके और सड़े-गले अंगूर का इस्तेमाल भी किया जाता है.

मिथाइल अल्कोहल से होती है मौत

कच्ची शराब बनान के लिए यूरिया और ऑक्सीटोसिन जैसे केमिकल को एक जगह मिलाया जाता है. उन दोनों के मिलने का नतीजा होता है मिथाइल अल्कोहल का निर्माण. यही वो अल्कोहल होता है, जो इसे पीने वालों की मौत का सबब बन जाता है. असल में मिथाइल इंसानी शरीर में जाकर केमि‍कल रि‍एक्‍शन करता है. जिसकी वजह से शरीर के अंदरूनी अंग काम करना बंद कर देते हैं. कई बार तुरंत मौत भी इसका नतीजा होती है. कुछ लोगों को ये जहरीली शराब धीरे-धीरे मारती है. जब कभी भी ऐसा धीमा जहर लोग जाने अनजाने पीते हैं, तो हर तरफ मौत कहर बरपाती है.

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