
पराली जलाने की रिकॉर्ड घटनाएं
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को पंजाब में खेतों में आग जलने की 6668 घटनाएं रिकॉर्ड की गई. ये इस सीजन में एक दिन में पराली जलाने का सबसे बड़ा आंकड़ा है. इसके के बाद एक बार दिल्ली में फिर से चिंता बढ़ गई है कि अगर पंजाब से हवा का रुख दिल्ली की ओर रहा तो राजधानी की हवा फिर से खराब हो सकती है. बता दें कि दिल्ली में पिछले दो दिनों में वायुमंडल में थोड़ा सा सुधार आया है.
पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर द्वारा एकत्रित किए गए सैटेलाइट डाटा के मुताबिक संगरूर और बठिंडा सबसे अधिक प्रभावित जिले रहे. जहां एक दिन में पराली जलाए जाने की क्रमश: 1,007 और 945 की घटनाएं दर्ज की गईं. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में आ रही लगातार गिरावट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तीन राज्यों पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को बुधवार को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा है. इन राज्य सरकारों ने अपने यहां किसानों को पराली नहीं जलाने को कहा है, लेकिन किसान मजबूरी का हवाला देते हुए लगातार पराली जला रहे हैं.
2018 से 40 प्रतिशत ज्यादा जलाई गई पराली
आंकड़ों के मुताबिक 23 सितंबर से 5 नवंबर तक पंजाब में पराली जलाने की 37 हजार 935 घटनाएं हुआ है. अगर इसकी तुलना पिछले साल के आंकड़ों से करें तो ये 2018 के मुताबले 40 प्रतिशत ज्यादा है. अगर जिलावार आंकड़ों को देखा जाए तो पराली जलाने के मामले में पंजाब का संगरुर जिला 4772 फॉर्म फायर की घटनाओं के साथ इस बार भी सबसे आगे रहा है. इसके बाद नंबर आता है फिरोजपुर का जहां 4020 पराली जलाने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई है, तीसरा नंबर है बठिंडा का, यहां पर 3535 पराली जलाने की घटनाएं हुई है.
पंजाब के किसानों का कहना है कि मशीनों के जरिए पराली को नष्ट करना उनके लिए आर्थिक रूप से संभव नहीं है. पंजाब के किसान पराली का जुगाड़ करने के लिए 200 रुपये प्रति क्विटंल की दर से धान की फसल पर बोनस मांग रहे हैं. पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि केंद्र को किसानों को आर्थिक मदद मुहैया करानी चाहिए ताकि वे पराली न जलाएं.