Advertisement

Quit India से पहले GET OUT स्‍लोगन पर हुआ था विचार, ऐसे हुआ रिजेक्‍ट

आज Quit India मूवमेंट के 75 साल पूरे हो गए हैं. ये देश का ऐसा आंदोलन था, जिसने अंग्रेजों को देश छोड़ने को मजबूर कर दिया.

भारत छो़ड़ो आंदोलन भारत छो़ड़ो आंदोलन

आज Quit India मूवमेंट के 75 साल पूरे हो गए हैं. ये देश का ऐसा आंदोलन था, जिसने अंग्रेजों को देश छोड़ने को मजबूर कर दिया.

9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन पूरे देश में आरंभ हो गया था. 8 अगस्‍त 1942 को बंबई के गोवालिया टैंक मैदान पर अखिल भारतीय कांग्रेस महासमिति ने ये प्रस्ताव पारित किया तो 'भारत छोड़ो' आंदोलन में पूरा देश कूद पड़ा.

Advertisement

जिस QUIT INDIA स्‍लोगन पर पूरा देश एकजुट हो गया था, आखिर वो स्‍लोगन ही था, जिसने पूरी अंग्रेजी हुकूमत को हिलाकर रख दिया था. पर इससे भी दिलचस्‍प बात ये है कि 8 अगस्‍त को इस आंदोलन की घोषणा करने से पहले महात्‍मा गांधी के सामने कई दिलचस्‍प स्‍लोगन रखे गए थे.

कैसे थे ये स्‍लोगन

के गोपालस्‍वामी ने अपनी किताब गांधी एंड बॉम्‍बे में लिखा है, 'इस आंदोलन के शुरू होने से पहले किसी ने उन्‍हें इसका स्‍लोगन GET OUT रखने का सुझाव दिया था. पर गांधी जी को ये impolite लगा और उन्‍होंने इसे रिजेक्‍ट कर दिया. इसके बाद राजगोपालाचारी ने ‘Retreat’ या ‘Withdraw’ में किसी एक को स्‍लोगन के तौर पर लेने की बात कही, पर कुछ फाइनल नहीं हो सका. इसके बाद यूसुफ मेहराली ने QUIT INDIA स्‍लोगन रखने का प्रस्‍ताव दिया और ये पास हो गया.'

Advertisement

क्‍यों खास था ये आंदोलन

महात्मा गांधी के नेतृत्‍व में शुरु हुआ यह आंदोलन सोची-समझी रणनीति का हिस्‍सा था. इस आंदोलन की खास बात ये थी कि इसमें पूरा देश शामिल हुआ. ये ऐसा आंदोलन था, जिसने ब्रिटिश हुकूमत की जड़ें हिलाकर रख दी थीं

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement