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रबींद्रनाथ टैगोर की 155वीं जयंती पर एक नजर उन चार महिलाओं पर, जिनका उनके जीवन पर काफी असर दिखता है. टैगोर जीवन भर एक संवेदनशील इंसान बने रहे. यही वजह है कि टैगोर के लेखन, उनके निजी पत्रों और जिंदगी में महिलाएं इतनी अहम दिखती है.
1. कादम्बरी देवी (भाभी):
टैगोर की उम्र: 7 साल
कादम्बरी: 9 साल
वक्त बीतने के साथ दोनों के बीच रिश्ता मजबूत होता गया. कादम्बरी टैगोर की सबसे बड़ी आलोचक, सबसे बड़ी प्रेरणा थीं. टैगोर की शादी के बाद उन्होंने खुदकुशी कर ली.
रबींद्रनाथ टैगोर की पंक्ति:
'...मेरी वो प्रियतम
कहां है, जो बचपन में
शायद मेरी इकलौती साथी हुआ करती
थी...? वो मेरी रानी
अब नहीं रही...'
2. अन्नपूर्णा तुरखुद (टीचर)
टैगोर की उम्र: 16 साल
अन्नपूर्णा: 16 साल
1878 में टैगोर के लॉ पढ़ने के लिए लंदन रवाना होने से पहले बम्बई भेजा गया. जहां 'अन्ना' ने उन्हें अंग्रेजी तहजीब सिखाई.
रबींद्रनाथ टैगोर की पंक्ति...
'मैं उसे कभी नहीं भुला पाऊंगा..हर महिला
की मोहब्बत करम
की तरह है..एक ऐसा
फूल, जो मुरझा जाता है,
लेकिन उसकी खुशबू कायम रहती है'
3. मृणालिनी देवी (पत्नी)
टैगोर की उम्र: 22 साल
मृणालिनी: 10 साल
एक समर्पित पत्नी और मां की तरह वो टैगोर के हर संघर्ष में साझेदार बनीं. उनके पांच बच्चे हुए. 25 साल की उम्र में बीमारी की वजह से उनकी मौत हो गई.
रबींद्रनाथ टैगोर की पंक्ति:
'जब मैं तुम्हे प्यार
करता हूं तो ऐसा
मालूम देता है कि
जिस्म से बाहर
निकलकर दो
आत्माओं का मिलन हो रहा है...'4.
4. विक्टोरियो ओकाम्पो (दोस्त)
टैगोर की उम्र: 63 साल
औकाम्पो: 34 साल
1924 में लातिन अमेरिका में टैगोर की मुलाकात अर्जेंटीना की इस लेखिका से हुई. एक दिव्य प्रेम संबंध शुरू हुआ. उनके भारत लौटने पर भी यह जारी रहा.
रबींद्रनाथ टैगोर की पंक्ति:
'कुछ अनुभव उस खजाने की तरह होते हैं जिसका असल जिंदगानी से कोई लेना-देना नहीं होता. मेरा अर्जेंटीना वाला एपिसोड कुछ ऐसा ही था.
सौजन्य: NEWSFLICKS