
दिल्ली में अब उस रेस कोर्स रोड का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया है, जहां प्रधानमंत्री का आवास स्थित है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई नई दिल्ली नगर पालिका परिषद की उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला किया गया. सड़क के फिर से नाम रखने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी. अधिसूचना जारी होने के बाद प्रधानमंत्री के आवास का पता 7 लोककल्याण मार्ग हो जाएगा.
गुरुद्वारा रकाबगंज गोलचक्कर का नाम भी बदला
एनडीएमसी ने गुरुद्वारा रकाबगंज गोलचक्कर का नाम बदलने का भी निर्णय किया. विभिन्न सिख संगठनों के ज्ञापन के आधार पर इस गोल चक्कर का नाम गुरु गोविंद सिंह चौक रखा जाएगा.
प्रधानमंत्री आवास का पता अब बदल गया. कल तक 7 आरसीआर के नाम से मशहूर पीएम आवास का नया पता होगा सात लोक कल्याण मार्ग. दरअसल एनडीएमसी ने काउंसिल की बैठक में रेस कोर्स रोड का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग रखने का फैसला किया है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता वाली इस बैठक में रेस कोर्स रोड का नाम लोक कल्याण मार्ग रखने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हुआ. लोक कल्याण मार्ग पर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के पीएम रहेंगे. इसी मार्ग पर अब पीएम मोदी का आधिकारिक ठिकाना होगा.
बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने रेस कोर्स रोड का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा था. वो दीनदयाल उपाध्याय की एकात्म मानववाद की फिलॉसफी के आधार पर रेस कोर्स रोड का नाम एकात्म मार्ग रखना चाहती थीं लेकिन दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने गुरु गोविंद सिंह के नाम पर रेस कोर्स रोड का नाम रखने का पासा फेंक दिया.
पंजाब चुनाव को देखते हुए केजरीवाल ने चाल चली लेकिन एनडीएमसी की बैठक में मामला उलटा पड़ गया. न बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी के एकात्म मार्ग पर मुहर लगी और न ही गुरु गोविंद सिंह के नाम पर.
बीजेपी सांसद और एनडीएमसी सदस्य मीनाक्षी लेखी ने बताया कि 'रेस कोर्स रोड का नाम बदलने के लिए बहुत सारे सुझाव मिले. अरविन्द केजरीवाल जी ने गुरु गोविंद सिंह नाम भी सुझाया. काउंसिल ने सर्वसम्मति से ये तय किया कि रकाबगंज रोड पर बने चौराहे का नाम गुरु गोविंद सिंह चौक किया जायेगा और रेस कोर्स रोड का नाम सभी के सुझावों को ध्यान में रखते हुये लोक कल्याण मार्ग रखा जायेगा. देश के प्रधानमंत्री जहां रहते हैं और देशवासियों के लिए कल्याणकारी काम करते हैं उस सड़क का नाम लोक कल्याण मार्ग रखा जाना चाहिए. लेखी ने कहा कि उन्हें ख़ुशी है कि नाम तय करने को लेकर सियासत नहीं हुई."
काउंसिल की अध्यक्षता कर रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि "रेस कोर्स का नाम बदलकर भारतीय संस्कृति के अनुरूप रखना था, पहले मीनाक्षी लेखी जी ने एकात्म मार्ग नाम रखने का प्रस्ताव दिया था. मैंने गुरु गोविंद सिंग जी का नाम रखने का प्रस्ताव दिया. मैंने कहा कि प्रधानमंत्री जी से ही नाम का सुझाव ले लीजिए. लेकिन सबने कहा कि कांउसिल आपस में ही तय कर ले एक ऐसा नाम जो सबको उचित लगे, हमने लोगों के सुझाव का भी ध्यान रखा. और सबकी सहमति से रेस कोर्स रोड का नाम लोक कल्याण मार्ग नाम रखा है."
रेस कोर्स रोड अब इतिहास के पन्नों में रह जाएगा आपको बता दें कि इसके बारे में कहा जाता है कि यहां रेस कोर्स है जहां आजादी से पहले से ही घुड़सवारी होती आई है. इसलिए इस रोड का नाम रेस कोर्स रखा गया. हालांकि अब दुनिया इस इस रोड को लोक कल्याण मार्ग से नाम से जानेगी.
आपको बता दें कि इससे पहले 28 अगस्त 2015 को औरंगजेब रोड का नाम बदलकर मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड रखा गया. 1996 में कनॉट सर्कस का नाम बदलकर इंदिरा चौक, कनॉट प्लेस का नाम बदलकर राजीव चौक रखा गया था. यह काउंसिल का डिसिजन था. वहीं 26 मई 2002 को कैनिंग रोड का नाम बदलकर माधव राव सिंधिया मार्ग रखा गया. प्रस्ताव में लिखा है कि पब्लिक के सेंटिमेंट्स को ध्यान में रखते हुए महान पुरुषों और महिलाओं को सम्मान देने के लिए सड़क, स्ट्रीट और इंस्टिट्यूशन के नामों को दोबारा बदला गया.