
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी अब फ्रंटफुट पर खेल रही है और मोदी सरकार कांग्रेस को बैकफुट पर धकेलने का हर संभव प्रयास करती दिखाई दे रही है. इसी कड़ी में बीजेपी ने एक अहम रणनीति के तहत आज देश के 70 शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राफेल मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा.
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुंबई में प्रेस कॉन्फेंस कर कांग्रेस पर राफेल विमान की कीमत को लेकर लोगों को सोचसमझकर 'गुमराह' करने का आरोप लगाया. उन्होंने रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के लिए गांधी परिवार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को अनसुना कर उन्होंने 'कमाल की ढिठाई' दिखाई है.
इन नेताओं और मंत्रियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस
वीके सिंह, विदेश राज्यमंत्री- प्रयागराज
देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र मुख्यमंत्री- अहमदाबाद
सर्बानंद सोनोवल, असम मुख्यमंत्री- अगरतला
बीएस येदियुरप्पा, वरिष्ठ नेता- बेलगाम
रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री- भोपाल
राम माधव, पार्टी महासचिव- चेन्नई
जीतेंद्र सिंह, केंद्रीय मंत्री- चंडीगढ़
योगी आदित्यनाथ, यूपी सीएम- गुवाहाटी
प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय मंत्री- हैदराबाद
विजय रूपाणी, गुजरात सीएम- जयपुर
शिवराज सिंह, वरिष्ठ नेता- लखनऊ
निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री- मुंबई
पूनम महाजन, सांसद- नासिक
केशव प्रसाद मौर्य, यूपी डिप्टी सीएम- पटना
रघुबर दास, झारखंड सीएम- रायपुर
भूपेंद्र यादव, वरिष्ठ नेता- रांची
जे.पी नड्डा, केंद्रीय मंत्री- त्रिवेंद्रम
संबित पात्रा, प्रवक्ता- विजयवाड़ा
कांग्रेस की मांग- फैसला वापस ले कोर्ट
रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि यह दावा करके सरकार ने संसद के दोनों सदनों के विशेषाधिकार का हनन किया है कि राफेल विमानों की कीमतों को लेकर सीएजी रिपोर्ट संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष पेश की गई थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, 'उन्हें पश्चाताप करना चाहिए और पवित्र गंगा नदी में स्नान करना चाहिए.'
कांग्रेस नेता ने कहा, 'हम मांग करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट अपना वह फैसला तुरंत वापस ले, जो अमान्य है. ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट की गरिमा के हित में होगा, क्योंकि इस पूरे मामले ने सबसे बड़ी अदालत की गरिमा को ठेस पहुंचाई है और इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती. जो कुछ हुआ है, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फ्रांस से 36 विमान खरीदने का निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने की कोई वजह नहीं है और साथ ही 58,000 करोड़ रुपए के इस सौदे के खिलाफ अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए दायर सभी याचिकाओं को भी खारिज कर दिया था.
हालांकि, फैसले के बाद मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर ये भी बताया है कि उनके जवाब को गलत रूप में समझा गया. सरकार के इस हलफनामे ने एक बार फिर विपक्ष और याचिकाकर्ताओं को मोदी सरकार पर हमले का मौका दे दिया है. कांग्रेस ने अब आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गलत जानकारी दी, जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, जिसे वह क्लीन चिट मान रही है. कांग्रेस ने कोर्ट से मांग की है कि गलत जानकारी देने के लिए मोदी सरकार पर अवमानना का केस चलाया जाए और यह फैसला वापस लिया जाए.