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SC में मोदी सरकार ने बताया, 'राफेल डील से पहले हुईं 74 बैठक, तब बनी बात'

मोदी सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राफेल डील से जुड़े कई दस्तावेज सौंपे. कांग्रेस पार्टी लगातार मोदी सरकार इस मुद्दे पर घेरते रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 10:51 AM IST

राफेल डील विवाद पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दे दिया है. केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राफेल सौदे पर मई 2015 से अप्रैल 2016 के बीच भारतीय वार्ता दल (आईएनटी) की 74 बैठक हुईं जिनमें से 26 फ्रांसीसी पक्ष के साथ थीं. आईएनटी का गठन 36 राफेल विमानों की खरीद के लिये नियम व शर्तों पर बातचीत के लिये किया गया था.

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आईएनटी की अध्यक्षता वायुसेना के उप प्रमुख (डीसीएएस) कर रहे थे और इसमें संयुक्त सचिव और अधिग्रहण प्रबंधक (एयर), संयुक्त सचिव (रक्षा ऑफसेट प्रबंधन शाखा), संयुक्त सचिव और अतिरिक्त वित्तीय सलाहकार, वित्त प्रबंधक (एयर), सलाहकार (लागत) और सहायक वायुसेना प्रमुख (योजना) भारत सरकार की तरफ से सदस्य के तौर पर शामिल थे.

इसमें कहा गया कि फ्रांसीसी पक्ष का नेतृत्व महानिदेशक आयुध (डीजीए), फ्रांस सरकार का रक्षा मंत्रालय कर रहे थे. केंद्र ने सर्वोच्च अदालत को बताया, ‘‘आईएनटी और फ्रांसीसी पक्ष के बीच बातचीत मई2015 में शुरू हुई और अप्रैल 2016 तक जारी रही. बातचीत के दौरान कुल 74 बैठकों में से 48 बैठकें आईएनटी की आंतरिक थी जबकि 26 बैठकें फ्रांसीसी पक्ष के साथ हुईं.’’

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने 36 राफेल विमानों की खरीद के संबंध जो भी फैसले लिए गए हैं, उन सभी की जानकारी याचिकाकर्ता को सौंप दी है. राफेल विवाद से जुड़ी याचिका वरिष्ठ वकील एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी. केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कुल 9 पेज के दस्तावेज सौंपे हैं, जिनमें इस डील का पूरा इतिहास, प्रक्रिया को समझाया गया है.

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आपको बता दें कि अपनी याचिका में याचिकाकर्ता के द्वारा अपील की गई थी कि केंद्र सरकार को राफेल विमान के दाम सार्वजनिक करने चाहिए.

देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस मामले में सरकार पर अनियमितता बरतने का आरोप लगाती रही है. हालांकि, सरकार का पक्ष रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर राफेल विमान की कीमतों का खुलासा नहीं किया जा सकता है.

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