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'ओमनीरोल एयरक्राफ्ट है राफेल, एक ही उड़ान में पूरा कर सकता है कई मिशन'

भारतीय वायुसेना के अंबाला एयरबेस पर तीन घंटे बाद पांच राफेल फाइटर जेट लैंड करने वाले हैं. आजतक से बात करते हुए रिटायर्ड एयर मार्शल वीके भाटिया ने कहा कि राफेल की सबसे बड़ी खूबी है कि यह ओमनीरोल एयरक्राफ्ट है.

राफेल विमान राफेल विमान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

भारतीय वायुसेना के अंबाला एयरबेस पर तीन घंटे बाद पांच राफेल फाइटर जेट लैंड करने वाले हैं. राफेल को लेकर पूरा देश उत्साहित है. वायुसेना के पूर्व अधिकारियों की माने तो राफेल के आने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ जाएगी, जिसका फायदा जल, थल और नभ सेना को मिलेगा.

आजतक से बात करते हुए रिटायर्ड एयर मार्शल वीके भाटिया ने कहा कि राफेल की सबसे बड़ी खूबी है कि यह ओमनीरोल एयरक्राफ्ट है. ओमनीरोल का मतलब है कि यह एक ही उड़ान में एक से ज्यादा मिशन को पूरा कर सकता है. राफेल में 14 हॉट प्वाइंट है. इसमें एयर सुपयोरिटक वेपन, एयर टू ग्राउंड वेपन समेत कई वेपन (मिसाइल) ले जाया जा सकता है.

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पूर्व वायुसेना चीफ पीवी नाईक ने कहा कि भारतीय वायुसेना के बेड़े में उच्च टेक्नोलॉजी का विमान शामिल होना अच्छी बात है. राफेल की टेक्नोलॉजी काफी उच्च है. अभी 36 आ रहे हैं, बाद में और भी 36 आएंगे. 2007 से राफेल विमान की खरीद प्रक्रिया शुरु हुई थी. राफेल के कारण वायुसेना की ताकत बहुत बढ़ेगी.

आजतक से बात करते हुए पूर्व वायुसेना चीफ पीवी नाईक ने कहा कि राफेल एंटी-टेरर ऑपरेशन में भी काफी काम आएगा. राफेल का रडार सिस्टम बहुत मजबूत है, जिससे ग्राउंड टारगेट पर सटीक हमला किया जा सकता है. भारत वायुसेना के लिए जो चीजें जरूरी हैं, वह इस एयरक्राफ्ट में हैं.

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एंटी-टेरर ऑपरेशन में राफेल के इस्तेमाल पर पूर्व वायुसेना चीफ पीवी नाईक ने कहा कि राफेल का इस्तेमाल एंटी-टेरर ऑपरेशन में किया जा सकता है, लेकिन यह लंबी रेस का घोड़ा है. इसका इस्तेमाल सिर्फ एंटी-टेरर ऑपरेशन में नहीं करना होगा. कई और चीजें हैं, जिसमें राफेल का इस्तेमाल किया जा सकता है.

वहीं, पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल वीवी मलिक ने कहा कि राफेल के लिए वायुसेना को बधाई. 30 साल के बाद मल्टीरोल एयरक्राफ्ट की मांग पूरी होने वाली है. आजकल की लड़ाई में तीनों सेनाएं जुड़कर काम करती हैं. बहुत अच्छा तालमेल होता है. बेहतर तालमेल से ही सफलता मिलती है. करगिल के बाद समन्वय काफी बढ़ा है.

पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल वीवी मलिक ने कहा कि करगिल युद्ध के दौरान वायुसेना ने अहम भूमिका निभाई थी. राफेल के आने के बाद थलसेना की भूमिका और भी अहम हो जाएगी. राफेल के जरिए हम बालाकोट जैसे ऑपरेशन करके दुश्मन देशों को कड़े संदेश दे सकते हैं. इसका इस्तेमाल कई ऑपरेशन में किया जा सकता है.

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