
झारखंड के सिमडेगा और धनबाद जिलों में भूख से हुई मौतों के बाद पुरे सूबे की राजनीती में बवाल मच गया है. इस मुद्दे में राज्य की रघुवर दास सरकार पूरी तरह से बैकफुट पर आ गई है. इस मसले पर आजतक के साथ अपनी एक्सक्लूसिव बातचत में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि दोनों घटनाएं बेहद दुखद हैं. सरकार ने संज्ञान लेते हुए उपायुक्त को जांच के लिए घटनास्थल पर भेजा.
विपक्ष लोगों को गुमराह कर झारखंड को कर रहा बदनाम
रघुवर दास ने कहा कि विपक्ष लोगों को गुमराह कर झारखंड को बदनाम कर रहा है. उन्होंने कहा कि अब तक सभी योजनाएं बिचौलियों और भ्रष्टाचार की भेट चढ़ जाती थीं लेकिन अब अंतिम व्यक्ति तक सुविधाएं पहुंचे इसलिए उन्हें आधार से जोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि 99% राशनकार्डों को आधार से जोड़ा जा चुका है जिससे 225 करोड़ रुपये की बचत हुई है. इतना ही नहीं रघुवर दास ने विपक्ष पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि विपक्ष झूठा प्रचार कर रहा है.
रघुवर दास ने कहा कि यह सच है कि 11 लाख राशन कार्ड रद्द हुए है लेकिन 9 लाख नए राशन कार्ड बने भी हैं. सरकार चाहती थी कि सब्सिडी आधार से लिंक खातों को ही मिले. राशन कार्ड रद्द होने में नीचे के अधिकारीयों की चूक है. उन्हें ससपेंड किया गया है.
'भूख से नहीं बीमारी से हुईं मौतें'
रघुवर दास ने यह भी कहा कि झरिया और सिमडेगा में हुईं मौतें भूख से नहीं बीमारी से हुई हैं. उन्होंने कहा कि झरिया में जिस व्यक्ति की मौत हुई है वो गरीब था और पिछले 1 महीने से बीमार था. उससे पहले सिमडेगा में जिस बच्ची की मौत हुई थी वो भी बीमार थी, उसे मलेरिया था. यह भूख से मौत के मामले बिलकुल नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि झारखंड की आदम जनजाति आज भी आधार से लिंक नहीं है लेकिन डाकिया योजना के तहत हर महीने उन्हें 35 किलो अनाज दिया जाता है. अगर पूरा राशन कार्ड आधार से लिंक हो जाए तो सरकार के 500 करोड़ बचेंगे.
प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना साकार होगा
रघुवर दास ने कांग्रेस पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि इस देश में कांग्रेस ने 60 सालों तक शासन किया तो अब तक गरीबी क्यों नहीं मिटी, क्या इसकी जिम्मेदार भी मोदी सरकार है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस बौखला गई है और परिवार की भक्ति में जुटी है. विपक्ष परिवारवाद और वंशवाद में लीन है, मोदी भारतभक्ति में जुटे हैं.
बता दें कि झारखंड के झरिया में एक रिक्शा चालक की भूख हो गई थी. 40 साल के बैजनाथ दास के घर में अनाज का एक दाना नहीं था. वो बीमार होने के कारण रिक्शा भी नहीं चला पा रहे थे. मामला गर्माने के बाद राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने मामले की जांच के आदेश देते हुए मृतक की पत्नी को राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20 हजार रुपये पहुंचाने का हुक्म दिया था. इससे कुछ दिन पहले ही झारखंड के सिमडेगा में भूख से एक बच्ची की मौत हो गई थी.