
झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के द्वारा शुरू किये गए मुख्यमंत्री दाल-भात योजना को अब नए नाम से जाना जाएगा. अब इसे मुख्यमंत्री कैंटीन योजना के नाम से चलाया जाएगा. इस संबंध में निर्णय राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया. इसकी शुरुआत रांची जिले से होगी. गौरतलब है कि इस योजना के तहत गरीबों को पांच रुपये में दाल-भात और सब्जी मुहैया कराई जाती है.
इसके तहत प्रथम चरण में रांची में इसके लिए एक बेस किचन, 18 वितरण केंद्र और 10 मोबाइल वैन के माध्यम से भोजन वितरण की व्यवस्था होगी. बाद में रांची जिले के शहरी इलाकों में दिन में चलने वाले 11 केंद्र, दो रात्रि केंद्र खोले जाएंगे. इसके अलावा नगर पंचायत में एक केंद्र और ग्रामीण इलाकों में 17 केंद्र भी खोले जाएंगे. शहरी इलाकों के केंद्र में प्रति दिन 400 लोगों और रात्रि केंद्र पर 200 लोगों के भोजन की व्यवस्था होगी. वहीं नगर पंचायत के एक केंद्र में 300 एवं ग्रामीण इलाकों में एक केंद्र पर 200 लोगों के भोजन की व्यवस्था होगी. वैसे एक प्लेट भोजन का दर 20 रुपये होगा. जिसमें पांच रुपये लाभुक को देना होगा और 15 रुपये सरकार सब्सिडी देगी. इसके एक प्लेट भोजन में 200 ग्राम चावल, दाल और सब्जी होगी.
कुछ ही केंद्र फिलहाल कार्यरत हैं
दरअसल यह योजना अर्जुन मुंडा के मुख्यमंत्रित्व काल में शुरू हुई थी. गरीब तबके के लोग इससे काफी लाभान्वित भी हो रहे थे. लेकिन हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्रित्व काल में इस योजना पर ग्रहण लगने लगा. क्योंकि राज्य सरकार ने इस योजना के लिए फंड के आवंटन में रुचि नहीं ली. जिसकी वजह से फिलहाल ऐसे इक्के-दुक्के केंद्र ही कार्यरत हैं. लेकिन रघुवर सरकार के नए फैसले से इस योजना को नया जीवन मिला है. साथ ही गरीबों को फिर से महज पांच रुपये में खाना नसीब होने की राह भी प्रशस्त हो जाएगा.