
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने शराब उत्पादन को प्रोत्साहित करने को लेकर बिहार सरकार द्वारा लिये गए निर्णय की तरफ ध्यान दिलाते हुए कहा है कि एक तरफ बिहार सरकार ने शराबबंदी लागू की है, इसके अनुपालन के लिए सख्त कानून भी बनाये हैं. वहीं दूसरी तरफ मूल भावना के विपरीत बिहार में शराब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों को टैक्स हॉलीडे यानि टैक्स में रियायत दी गई है.
दरअसल टैक्स हॉलीडे की वजह से शराब का उत्पादन सस्ता होगा. रघुवर दास ने कहा है कि बिहार सरकार के निर्णय से शराब कंपनियों को सालाना सात करोड़ रुपये की अतिरिक्त बचत होगी, जबकि इतने ही राजस्व का नुकसान बिहार सरकार को होगा. बिहार में उत्पादित शराब, जिसे राज्य से बाहर निर्यात और उसके बॉटलिंग करने के लिए कर विमुक्ति दी गई है. इसे दूसरे राज्यों में बेचा जाएगा. पड़ोसी होने के कारण झारखंड में भी सस्ती शराब की बिक्री बढ़ेगी. दास के मुताबिक बिहार सरकार के दोनों निर्णयों में विरोधाभास है.
उन्होंने नीतीश कुमार से कहा है कि जब आप दूसरे राज्यों में जाते हैं, तो वहां भी शराबबंदी करने की बात कहते हैं. वहीं अपने राज्य में सस्ती शराब का उत्पादन कर झारखंड समेत अन्य राज्यों में बाजार तलाशते हैं. ऐसे में इस मुद्दे पर पुनर्विचार कर समुचित निर्णय लें, जो शराब बंदी की दिशा में कारगर हो सके.
गौरतलब है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है. जबकि बिहार से जुड़े झारखंड में यह लागू नहीं है. ऐसे में झारखंड से अवैध तरीके से शराब बिहार पहुंच रही है. नितीश कुमार चाहते हैं कि झारखंड में भी पूर्ण शराबबंदी लागू हो. इसके लिए उन्होंने बाकायदा धनबाद, जमशेदपुर जैसे शहरों में सभा भी की है. वहीं जानकार मानते हैं कि इसके पीछे दरअसल झारखंड में जेडीयू के लिए राजनितिक जमीन तलाशना मुख्य कारण है. ऐसे में टैक्स हॉलीडे का मुद्दा सामने आने पर रघुवर दास ने पलटवार करते हुए नितीश कुमार को आइना दिखाने की कोशिश की है.