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जेटली ने राफेल डील पर दिया जवाब तो राहुल ने पूछे ये तीन सवाल

राफेल डील पर चल रहा विवाद थमता नहीं दिख रहा है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राफेल डील पर कांग्रेस को घेरा तो कुछ ही घंटे के भीतर राहुल ने इस पर पलटवार किया. राहुल ने राफेल डील पर जेटली से तीन सवाल किए हैं. 

राहुल गांधी राहुल गांधी
राहुल विश्वकर्मा/सुप्रिया भारद्वाज
  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:14 AM IST

राफेल डील पर चल रहा विवाद थमता नहीं दिख रहा है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राफेल डील पर कांग्रेस को घेरा तो कुछ ही घंटे के भीतर राहुल ने इस पर पलटवार किया. राहुल ने राफेल डील पर जेटली से तीन सवाल किए हैं.  

ये हैं तीन सवाल

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जेटली की प्रेस कॉन्फ्रेंस के कुछ ही घंटे बाद तीन सवालों के जरिए उन पर पलटवार किया है.

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1. राहुल ने सवाल किया है कि क्या राफेल के पहले और दूसरे कॉन्ट्रैक्ट के पैसों में अंतर है?

2. फाइटर प्लेन बनाने का 60 सालों का अनुभव रखने वाली एचएएल कंपनी के बजाए किस आधार पर एक ऐसे बिजनेसमैन को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया जिसने अपनी पूरी जिंदगी में एक भी फाइटल प्लेन का निर्माण नहीं किया?

3. क्या पूरी कैबिनेट ने इस कॉन्ट्रैक्ट को पास किया है? क्या इसके लिए सीसीएस (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) से अनुमति ली गई, जिसके खुद जेटली सदस्य हैं?

संसद सत्र में देरी पर भी घेरा

राहुल ने पीएम मोदी पर मनमाने निर्णय लेने का आरोप भी लगाया. राहुल ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है. राफेल के अलावा राहुल ने संसद के शीतकालीन सत्र में देरी के लिए भी मोदी सरकार को घेरा.  

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जेटली ने पूछा था- ढाई साल बाद कैसे याद आई

इससे पहले राफेल सौदे को लेकर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर जबरदस्त पलटवार किया था. जेटली ने पूछा था कि आखिर कांग्रेस को गुजरात चुनाव के समय ही क्यों ढाई साल पहले की गई डील याद आ रही है. जेटली ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान राफेल डील पूरी नहीं हो सकी, जो इस बात का सबूत है कि पूर्ववर्ती सरकार नॉन परफॉर्मिंग सरकार थी.

डील में देरी से कमजोर हो रही थी वायुसेना

जेटली ने कहा कि राफेल डील में देरी से भारतीय वायुसेना की आक्रामक क्षमता कमजोर हो रही थी. भारतीय वायुसेना को इसकी सख्त जरूरत है, लिहाजा हमने यह डील जल्द की. उन्होंने कहा कि अब यह समझ में नहीं आ रहा है कि राफेल डील को ढाई साल हो चुके हैं, लेकिन इस अवधि के दौरान कांग्रेस ने इस पर सवाल क्यों नहीं उठाए? गुजरात चुनाव में अब कैसे राफेल डील कांग्रेस को याद आ गई.

राहुल पर कसा था तंज

राहुल गांधी पर तंज कसते हुए जेटली ने कहा था कि संसद सत्र को 15 दिसंबर से बुलाना पड़ा, जो पांच जनवरी तक चलेगा. मुझे अफसोस है कि राहुल गांधी इस बार न्यू ईयर पार्टी में विदेश नहीं जा पाएंगे.

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फ्रांस की सरकार दे चुकी है सफाई

इससे पहले राफेल डील पर फ्रांस की ओर से ही जवाब दिया गया है. फ्रांस ने इस डील में किसी भी तरह का घोटाला होने से इंकार किया है. फ्रांस की ओर से कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा गया है कि किसी भी तरह का दावा करने से पहले फैक्ट्स चेक जरूर करने चाहिए. कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया है कि जहाजों की कीमत 526 करोड़ है, जबकि सौदा 1571 करोड़ का हुआ है.

36 राफेल फ्रांस से आने हैं

आपको बता दें कि ये डील 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस के रक्षामंत्री ज्यां ईव द्रियां और भारत के तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने नई दिल्ली में साइन की थी. भारत सरकार ने 59,000 करोड़ की फ्रांस से डील की थी. डील के मुताबिक, 36 राफेल फाइटर जेट विमान मिलने हैं. पहला विमान सितंबर 2019 तक मिलने की उम्मीद है और बाकी के विमान बीच-बीच में 2022 तक मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.

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