
नरेंद्र मोदी सरकार पर एक और हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने शनिवार को रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण विधेयक के प्रावधानों को खरीदार समर्थक की बजाय बिल्डरों के हित में तोड़ने-मरोड़ने का आरोप लगाया.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फ्लैट खरीदने वाले काफी लोगों से मुलाकात के बाद भूमि अधिग्रहण और किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि उन्हें समझ आ गया है कि केवल किसान और आदिवासी ही नहीं हैं बल्कि मध्यम वर्ग का आदमी भी भूमि के मुद्दों पर पिस रहा है. फ्लैट खरीददारों के साथ खड़े होने का आश्वासन देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पारदर्शिता के अभाव के चलते फ्लैट खरीदने वालों को अधर में छोड़ दिया गया है. राहुल के मुताबिक, उन्हें यह बताया गया था कि उन्हें एक तय दिन को फ्लैट मिल जाएंगे लेकिन सालों से उन्हें फ्लैट नहीं मिले. उन्हें बताया गया था कि फ्लैट का सुपर डुपर एरिया बहुत अधिक होगा लेकिन जो दिया गया है वह कुछ अलग है.
राहुल गांधी ने कहा कि किसी को वादा किया गया था कि फ्लैट से अच्छा नजारा दिखेगा लेकिन फ्लैट मिलने के कुछ महीनों बाद एक नई इमारत खड़ी हो गई और नजारा नजरों से ओझल हो गया. कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार उस विधेयक को ध्वस्त करने की कोशिश कर रही है जो कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार रियल एस्टेट सेक्टर के नियमन के लिए लेकर आई थी. राहुल गांधी ने कहा, मुख्य कमी जो की गई है वह यह कि वहां पूरी तरह पारदर्शिता थी. कारपेट एरिया जिस पर आप हस्ताक्षर करते हैं , वही आपको मिलेगा. उन्होंने इसे हल्का कर दिया और खरीदार हितैषी से इसे बिल्डर के हित में कर दिया.
सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, 'यह जो किसानों और आदिवासियों के खिलाफ कर रही है , वही काम मध्यम वर्ग के खिलाफ कर रही है.' राहुल गांधी ने कहा, 'मैंने उन्हें आश्वासन दिया है कि जिस प्रकार मैं किसानों और आदिवासियों के साथ खड़ा रहा हूं उसी प्रकार उनके साथ भी रहूंगा.' राहुल गांधी से मुलाकात करने वाली फ्लैट खरीदार सलोनी परूथी ने कहा कि उसने नोएडा में फ्लैट बुक करवाया था लेकिन तय समय सीमा बीते कई साल बीत चुके हैं और फ्लैट अभी तक नहीं मिला है. अपनी समस्या बताते हुए परूथी ने कहा कि उसे न केवल ईएमआई का इंतजाम करना पड़ता है बल्कि जिस मकान में वह रह रही हैं उसका किराया भी देना पड़ता है.
पूर्व आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री और कांग्रेस नेता अजय माकन ने भी बीजेपी की अगुवाई वाली NDA सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उसने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लाए गए रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण अधिनियम में 118 संशोधन किए हैं. उन्होंने कहा कि विधेयक का मकसद खरीदारों का संरक्षण और समर्थन था लेकिन सरकार ने इन संशोधनों के जरिए इसे पूरी तरह पलट दिया है.
इनपुट: भाषा