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'राहुल राज' के शुरुआती 7 दिन, 3 फैसलों ने कांग्रेस की 'मुस्कान' लौटाई

पिछले लंबे समय से कांग्रेस के बुरे दिन चल रहे थे, लेकिन राहुल गांधी के अध्यक्ष बनते ही उसके 'अच्छे दिन' आ गए और 7 दिन में 3 फैसलों ने पार्टी में जोश ला दिया.

राहुल गांधी राहुल गांधी
aajtak.in
  • दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:13 PM IST

राहुल गांधी के कांग्रेस का कमान संभाले अभी एक ही हफ्ता हुआ है, लेकिन इतने कम समय में भी उनकी लीडरशिप ने पार्टी को कम से कम 3 मौकों पर 'अच्छे दिन' ही दिखा दिया.

सोनिया गांधी के 19 साल के बाद 16 दिसंबर को राहुल ने कांग्रेस की कमान संभाली. सोनिया गांधी के कार्यकाल में देश की सबसे पुरानी पार्टी 10 साल सत्ता में रही, लेकिन पिछले 3 सालों में पार्टी के लिए कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा था और न सिर्फ केंद्र में उसकी स्थिति बेहद खराब हुई बल्कि एक-एक करके राज्यों से उसकी सत्ता जाती रही. आज स्थिति यह है कि कांग्रेस महज 4 राज्यों में सत्ता में है.

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राहुल ने गुजरात चुनाव के दौरान ही कांग्रेस की कमान संभाली और आक्रामक अंदाज में प्रचार करते हुए खुद को एक सशक्त नेता के रूप में पेश किया. गुजरात चुनाव से पहले उन्हें राजनीति में नौसिखिया समझा जाता था और विपक्षी उनका जमकर मजाक उड़ाते थे. लेकिन अब वक्त बदल गया है, वो कांग्रेस के अध्यक्ष बन चुके हैं और पार्टी को उनसे काफी उम्मीदें हैं.

राहुल का अध्यक्ष पद पर आसीन होना कांग्रेस के लिए अभी तक बेहद शानदार दिख रहा है. पिछले 7 दिनों में 3 ऐसी घटनाएं घटी जिसने यह बता दिया उनके शुभ कदम पार्टी के लिए 'अच्छे दिन' लाने में सक्षम है.

गुजरात चुनाव, कांग्रेस की कड़ी टक्कर

18 दिसंबरः राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के 2 दिन बाद ही गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम आए. इस चुनाव में 22 साल से सत्ता में रही भाजपा को एक बार फिर जीता हुआ माना जा रहा था, लेकिन राहुल के ताबड़तोड़ प्रचार और भाजपा पर आक्रामक अंदाज में हमले करने के कारण कांग्रेस वहां दौड़ में लौटती दिखी. जब परिणाम आया तो कई मौकों पर कांग्रेस भाजपा से बढ़त लेती दिख रही थी. हालांकि बहुमत से पार्टी 15 सीटें कम रह गईं जबकि भाजपा 7 सीटों के बहुमत के साथ फिर से सत्ता में वापसी कर ली. कांग्रेस भले ही यहां हार गई हो, लेकिन राहुल ने यह साबित कर दिया कि वो पार्टी को फिर से खड़ा करने में सक्षम हैं. गुजरात चुनाव महज एक शुरुआती कदम भर है. कई चुनावों के परिणाम के बाद मायूस से दिखने वाले कांग्रेस दफ्तर में लंबे समय बाद खूब हलचल दिखी.

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2जी घोटाले पर फैसला, कांग्रेस का मनोबल बढ़ा

21 दिसंबरः देश का सबसे बड़ा घोटाला कहे जा रहे जिस 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले ने यूपीए सरकार को खूब बदनाम किया और विपक्षी भाजपा ने उसे जमकर भुनाया भी, उस पर दिल्ली कोर्ट का फैसला आया और सारे 17 दोषियों को बेदाग करार दिया. कांग्रेस की अगुवाई में तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा समेत सभी दोषी बरी हो गए. फैसला आते ही कांग्रेस में एकदम से जोश आ गया और वह आरोप लगाने वाली भाजपा पर लगातार आक्रामण करने लगी. कांग्रेस के आक्रामक रुख को देखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली को अपने प्रवक्ताओं को जवाब देने के लिए स्पेशल बैठक बुलानी पड़ी.

आदर्श घोटाला पर कांग्रेस को बड़ी राहत

22 दिसंबरः ऐसे अवसर कम ही आते हैं जब सत्तारुढ़ पार्टी को लगातार 2 दिन शर्मसार करने वाला हो वहीं अपने बुरे दिन देख रही कांग्रेस के लिए लगातार 2 दिन जश्न मनाने वाले जैसे रहे. 2जी घोटाले पर बेदाग होने के अगले ही दिन मुंबई से एक फैसला आया जिसमें कोर्ट ने आदर्श आवास घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण से पूछताछ करने पर रोक लगा दी. घोटाले में नाम आने पर कांग्रेस के इस नेता को 2010 में मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था. जबकि पिछले साल राज्यपाल सीएच विद्यासागर राव ने इस मामले में सीबीआई को पूर्व सीएम पर केस चलाने की इजाजत दी थी. इस घोटाले को लेकर भाजपा ने 2014 के आम चुनाव में महाराष्ट्र में बड़ा मुद्दा बनाया था.

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