
एमसीडी का चुनावी दंगल जीतना कांग्रेस के लिए उतना ही जरूरी है जितना मझधार में डूबते हुए के लिए तिनके का सहारा जरूरी होता है. यूपी, पंजाब और गोवा विधानसभा के चुनाव के नतीजे जो भी हों, लेकिन दिल्ली में खोया जनाधार पाना कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी है. पिछले करीब 10 सालों से कांग्रेस एमसीडी में मुख्य विपक्षी की भूमिका में है. ये पहली बार होगा कि एमसीडी के चुनाव भी त्रिकोणीय होंगे और कांग्रेस को अपना दम-ख़म दिखाने के साथ ही सीटों पर कब्ज़ा जमाना होगा.
दरअसल 2012 के एमसीडी चुनावों में 69 सीटें और 2015 के विधानसभा चुनावों में खाता भी नहीं खोल सकने वाली कांग्रेस में एमसीडी जीतने की ललक साफ दिखाई दे रही है. एक वजह ये भी है कि दिल्ली कांग्रेस ने हाल ही में उपचुनाव के 13 वार्डों में से 5 पर अच्छे अंतर से जीत हासिल की थी. लिहाजा इस जीत में दिल्ली कांग्रेस का हौसला बुलंद है.
फीडबैक के आधार पर टिकट
अप्रैल में होने वाले एमसीडी चुनावों के मद्देनजर दिल्ली कांग्रेस इस बार कोई चूक नहीं करना चाहती. पार्टी पूरी तरह चुनावी मोड में नजर आ रही है. कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दावेदारी के लिए आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन के मुताबिक इस बार जमीनी कार्यकर्ताओं के फीडबैक के आधार पर ही टिकट बांटे जायेंगे.
माकन ने बताया कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश हैं कि बूथ लेवल पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं की सहभागिता और फीडबैक को तवज्जो देते हुए चुनाव लड़े जाएं. जो उम्मीदवार जमीन पर जितना सशक्त होगा उसके जीतने की दावेदारी उतनी प्रबल होगी. दिल्ली कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल गांधी के चुनावी मंत्र से एमसीडी चुनाव में कांग्रेस का परचम जरूर लहरायेगा.
एमसीडी चुनावों के लिए कांग्रेस का नारा होगा 'टूट गई विकास की डोर, वापस चलो कांग्रेस की ओर' रहेगा. टिकटों का बंटवारा चुनाव की तारीखों से 40 दिन पहले ही कर लिया जायेगा. तीस जनवरी को एमसीडी के 10 वर्षों के खिलाफ और 31 जनवरी को केजरीवाल सरकार के 2 वर्षों के खिलाफ चार्जशीट लायी जायेगी. डिस्ट्रिक्ट कन्वेंशन और आखिर में 22 फरवरी को कांग्रेस रामलीला मैदान से बड़ी रैली के जरिए अपना शक्ति प्रदर्शन करेगी. इस बार का चुनाव प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन की संगठन क्षमता की परीक्षा भी लेगा.