
लोकसभा में बुधवार को राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर बहस के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सादे एयरक्राफ्ट और हथियारों से लैस विमान का फर्क नहीं पता. अरुण जेटली के इस बयान पर पलटवार करते हुए राहुल गांधी ने यूपीए के 2007 में भारत सरकार का रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) जारी किया जिसके आधार पर भारतीय वायुसेना के लिए फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान का चयन किया गया.
लोकसभा में हंगामेदार बहस के बाद कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने अगस्त 2007 को जारी भारत सरकार का रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) पढ़कर सुनाया, जिसके आधार पर यह सौदा हुआ. राहुल गांधी ने बताया कि RFP की शर्त में सभी तरह के हथियारों की बात की गई है जिसमें लेजर सेंसर, रॉकेट, रडार व अन्य हथियारों का पूरा ब्यौरा था और यही इस सौदे का आधार भी था. बता दें कि किसी भी सौदे से पहले सरकार की तरफ से RFP जारी किया जाता है, जिसकी शर्त पूरी करने के बाद ही कोई कंपनी सौदे के लिए बिडिंग कर सकती है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि मुझे फुली लोडेड एयरक्राफ्ट और प्लेन एयरक्राफ्ट का फर्क नहीं पता. राहुल ने जेटली के भाषण के कुछ अंश भी दिखाते हुए यह साबित करने की कोशिश की कि जिस राफेल विमान के दाम को सरकार गोपनीय बता कर साझा नहीं कर रही थी उसे सदन के पटल पर वित्त मंत्री ने स्वयं बता दिया.
दरअसल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि मोदी सरकार के दौरान हुई नई राफेल डील 58000 करोड़ रुपये की है. राहुल गांधी ने कहा कि हमसे पूछा जा रहा था कि 1600 करोड़ रुपये की कीमत कहां से आई, जो कि एक साधारण गणित है. अगर 58000 करोड़ रुपये को 36 से भाग दिया जाए तो 1600 करोड़ रुपये ही आएगा.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि जब विमान की कीमत 1600 करोड़ रुपये तय की जा रही थी तब क्या वायुसेना के अधिकारी और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कोई आपत्ति जाहिर की थी या नहीं?
राहुल गांधी के बयान का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट में लिखा, 'वो कितना जानते हैं? कब समझेंगे? एक मूर्ख भी साधारण एयरक्राफ्ट और हथियारों से लैस एयरक्राफ्ट की कीमतों की तुलना नहीं करेगा. यूपीए सरकार दौरान भी ऑफर में भी सादे एयरक्राफ्ट और हथियारयुक्त एयक्राफ्ट के लिए दो अलग दाम थे.'