
भोपाल। बीते साल किसा न आंदोलन के दौरान पुलिस के साथ झड़प और फायरिंग में 6 किसानों की मौत होने की बरसी पर कांग्रेस के कई नेता बुधवार 6 जून को मंदसौर पहुंच रहे हैं. इस रैली की सफलता को लेकर कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है. मंदसौर में दो लाख किसानों की भीड़ के बीच राहुल गांधी भाषण देंगे.
सूत्रों की मानें तो मंदसौर की इसी जमीन पर किसानों की शहादत को मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस मध्य प्रदेश में चुनावी शंखनाद करेगी, क्योंकि इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं और शिवराज सरकार के खिलाफ प्रदेशभर में किसानों ने आंदोलन छेड़ रखा है.
मंगलवार को भोपाल में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और प्रचार समिति के चेयरमैन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंदसौर में होने वाली रैली को सरकार द्वारा कमजोर किए जाने के प्रयासों का आरोप मढ़ा है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा, कि हम पूरी ताकत से मंदसौर पहुंचकर किसानों के साथ खड़े होने का ऐलान करेंगे.
गौरतलब है कि पिछले साल 6 जून को मंदसौर में किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. यहां सरकार किसानों की मांगों को मानने को तैयार नहीं थी और इसी बीच पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प में 6 किसानों की मौत हो गई थी.
इस घटना के बाद मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार बैकफुट पर आ गई. उसने मृतक किसानों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा देने का भी ऐलान कर दिया, लेकिन बड़ी संख्या में किसान आज भी सरकार के रवैए से नाखुश दिखाई हैं.
कांग्रेस विधानसभा चुनाव के पहले किसानों का रुख अपनी तरफ मोड़ना चाहती है. इसको लेकर उसके अधिकांश नेताओं ने किसानों को अपने पाले में करना शुरू कर दिया है. मंदसौर में हुए गोलीकांड की बरसी के मौके पर एक बार फिर कांग्रेस की कोशिश होगी कि किसानों को उस घटना की याद दिलाते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान को उनका दुश्मन करार दिया जाए.
कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद मध्य प्रदेश में भी राहुल गांधी की यह पहली रैली होगी और इस रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद जो उनके प्रमुख निशाने पर होंगे वह सीएम शिवराज सिंह चौहान ही होंगे.
कांग्रेस के लिए भीड़ जुटाना चुनौती
इस रैली को लेकर कांग्रेस की चुनौती भी कम नहीं है. दरअसल मध्य प्रदेश सरकार ने मंदसौर में कांग्रेस की रैली को अनुमति तो दे दी है, लेकिन वह नहीं चाहती कि वहां प्रदेश भर से भीड़ पहुंचे. कांग्रेस ने दावा किया है कि रैली में दो लाख लोग पहुंचेंगे, जिसमें ज्यादातर किसान होंगे.
इसी को लेकर सरकारी स्तर पर भी सख्ती कर दी गई है. कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया कहते हैं कि शिवराज सिंह चौहान ने भीड़ रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन को लगा दिया है.
हर जगह नाकेबंदी कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और किसानों को मंदसौर जाने से रोका जा रहा है. प्रदेश मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल के मुताबिक इंदौर और उज्जैन में पुलिस ने कई गाड़ियों को रोककर बंद कर दिया है.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धमकाया जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी मंदसौर की रैली सफल होगी.
राहुल पर बोतल न फेंक सके कोई, इसलिए पाउच में मिलेगा पानी
राहुल गांधी की मंदसौर में बुधवार को होने वाली सभा में लोग पानी की बोतल नहीं ले जा पाएंगे. स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) ने बोतल को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है. एसपीजी को सभा में बोतलें फेंके जाने का अंदेशा है, जिसे देखते हुए कांग्रेस ने भी पानी के साथ छाछ और जूस के 8 लाख पाउच बांटना तय किया है.
कांग्रेस नेता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि सभा में आने वाले लोगों के लिए 5 लाख पानी के पाउच, 2 लाख छाछ के पाउच और एक लाख जूस के पाउच मंगाए गए हैं. ताकि उन्हें गर्मी से किसी भी तरह की दिक्क्त न हो.
पिछली बार राहुल गांधी नहीं पहुंच सके थे मंदसौर
मंदसौर गोलीकांड में मारे गए 6 किसानों के परिवारों से मिलने के लिए राहुल गांधी पिछले साल 8 जून को मंदसौर आए थे. तनाव को देखते हुए प्रशासन ने राहुल गांधी को किसानों के परिवार से मिलने की इजाजत नहीं दी थी. उनके मंदसौर जिले में प्रवेश पर भी रोक लगा दी थी.
इस पर राहुल ने राजस्थान के उदयपुर से अपना प्लान बदल दिया था. मंदसौर तक पहुंचने के लिए राहुल गांधी ने कार और फिर बाइक पर कच्चे रास्ते से सफर किया. वे करीब 3 किमी तक पैदल भी चले. इसके बाद भी वे मंदसौर नहीं पहुंच पाए थे और पुलिस ने उन्हें नीमच में ही हिरासत में ले लिया था.
***