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इंडिया गेट पर फिर दिखा 2012 के निर्भया कांड जैसा नजारा, नहीं बदले हालात

इंडिया गेट पर पहुंचे लोग अपने साथ घर के बच्‍चों को भी मार्च में लेकर आए थे. साथ ही लोग पोस्‍टर और बैनर भी लेकर पहुंचे थे. यहां पहुंचे लोग कठुआ और उन्‍नाव में हुई घटना का विरोध करते नजर आए.

राहुल का मार्च राहुल का मार्च
रणविजय सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 8:59 AM IST

कठुआ और उन्नाव में गैंगरेप की घटना के विरोध में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी रात 12 बजे इंडिया गेट पर कैंडल मार्च करने पहुंचे. उनके यहां आने से पहले ही दिल्‍ली के अलग-अलग स्‍थानों से लोग यहां पहुंचने लगे. इंडिया गेट पर इतनी भीड़ दिखी कि 2012 में हुए निर्भया कांड की भी याद ताजा हो गई. उस वक्‍त भी इंडिया गेट पर इसी तरह से लोग इकट्ठा हुए थे. हालांकि, 5 साल पहले सत्‍ता में कांग्रेस थी और अब सत्‍ता में बीजेपी है.

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इंडिया गेट पर पहुंचे लोग अपने साथ घर के बच्‍चों को भी मार्च में लेकर आए थे. साथ ही लोग पोस्‍टर और बैनर भी लेकर पहुंचे थे. यहां पहुंचे लोग कठुआ और उन्‍नाव में हुई घटना का विरोध करते नजर आए. उनका कहना था कि, बीजेपी अगर बेटी बचाओ का नारा देती है तो उसे इस नारे को निभाना भी चाहिए.

लोगों ने याद किया निर्भया कांड

इंडिया गेट पर पहुंचे लोगों ने कठुआ गैंगरेप की घटना को निर्भया जैसा बताया. उनका कहना था कि आज देश में बच्‍च‍ियों के साथ इस तरह की क्रूरता हो रही है. ये शर्मनाक है. बीजेपी सरकार को इसके खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए. यहां पहुंचे ज्‍यादातर लोगों ने निर्भया कांड को भी याद किया.

क्‍या था निर्भया कांड

16 दिसंबर 2012 को यह दर्दनाक हादसा दिल्ली के चेहरे पर एक बदनुमा दाग की तरह बन गया. उस रात एक चलती बस में पांच बालिग और एक नाबालिग दरिंदे ने 23 साल की निर्भया के साथ हैवानियत का जो खेल खेला, उसे जानकर हर देशवासी का कलेजा कांप उठा. वह युवती पैरामेडिकल की छात्रा थी. निर्भया फिल्म देखने के बाद अपने पुरुष मित्र के साथ बस में सवार होकर मुनिरका से द्वारका जा रही थी. बस में उन दोनों के अलावा सिर्फ 6 लोग थे, जिन्होंने निर्भया के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी. विरोध करने पर आरोपियों ने निर्भया के मित्र को इतना पीटा कि वह बेहोश हो गया. इसके बाद निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसे अधमरी हालत में सड़क किनारे फेंक दिया गया. लगातार मौत से जंग लड़ते हुए निर्भया ने सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में 29 दिसंबर को दम तोड़ दिया था.

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