
गांधी परिवार दो हिस्सों में बंटा हुआ है. राजीव गांधी परिवार और संजय गांधी परिवार. दोनों के बीच सियासी रार पुरानी है. इनके आपसी मेल-जोल की तस्वीरें भी राजीव गांधी की हत्या के बाद बमुश्किल ही नजर आती हैं. लेकिन गुरुवार को एक खास मौके पर दोनों परिवारों के युवराज राहुल और वरुण कुछ यूं मिले कि देखने वाले देखते रह गए.
दरअसल, संसद भवन के एनेक्सी में यूं तो संसद की स्टैंडिंग कमेटी की तमाम बैठकें होती हैं, लेकिन एनेक्सी हुई संसद की विदेश मंत्रालय की स्टैंडिग कमेटी की इस साल की 13वीं और अंतिम बैठक का नजारा कुछ ऐसा था कि कमेटी के सदस्यों की आंखे भी चौंधिया गईं.
एक ही हॉल में गोलमेज पर शशि थरूर की अध्यक्षता में ये बैठक चल रही थी. बैठक में वरुण गांधी, कर्ण सिंह, सुप्रिया सुले, शरद त्रिपाठी, पवन वर्मा सरीखे सांसद मौजूद थे. बाहर चर्चा का विषय था कि साल की आखिरी बैठक है और पहली बार वरुण गांधी शिरकत कर रहे हैं, तभी कुछ ही देर में एन्ट्री ली कमेटी के एक और सदस्य राहुल गांधी ने. तहकीकात करने पर मालूम हुआ कि राहुल भी वरुण की तरह साल भर में पहली बार आए हैं.
राहुल और वरुण के बीच हुई बातचीत
कुर्सी पर बैठते ही राहुल ने बाकी सदस्यों के साथ ही वरुण को हैलो बोला, तो वरुण ने भी कुर्सी पर बैठे हुए हाय कहकर गर्मजोशी से जवाब दिया. बाकी सदस्य इस नजारे को गौर से देख रहे थे. बैठक के बीच में कई मौकों पर राहुल और वरुण के बीच में यस, हां, ठीक बात है जैसा संवाद हुआ. पर तब खास नजारा सामने आया जब डिमांड फॉर ग्रान्ट पर हो रही इस बैठक में राहुल ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सुझाव दिया कि एनआरआई से शादी के बाद परेशानी में पड़ने वाली महिलाओं की मेडिकल और लीगल मदद के लिए विदेश मंत्रालय का फण्ड काफी कम है, इसको जल्दी बढ़ाया जाना चाहिए. इस पर कोई कुछ कहता, उससे पहले ही वरुण ने राहुल का समर्थन करते हुए कहा कि, 'बिल्कुल सही बात है, मैं भी सहमत हूं. ऐसा किया जाना चाहिए. ये बहुत अच्छा सुझाव है.'
राहुल बाद में आए और पहले निकले
ढाई घंटे चली बैठक में राहुल करीब डेढ़ घंटे रुके और उसके बाद अध्यक्ष शशि थरूर को जरूरी काम का हवाला देते हुए जल्दी जाने की अनुमति एक पर्ची में लिखकर मांगी और रवाना हो गए. अलग-अलग वक्त पर निकले दोनों ही नेताओं ने कॉन्फिडेंशियल बैठक होने का हवाला देकर चुप्पी साध ली. लेकिन आपसी बातचीत में बैठक से निकले सांसदों के बीच दो गांधियों की मुलाकात चर्चा का विषय रही.
दोनों के परिवारों की अदावत है पुरानी
पिछले कुछ वर्षों की ही बात करें तो कौन भूला होगा जब इंदिरा गांधी की हत्या के बाद मेनका गांधी ने अपने पति का लोकसभा क्षेत्र बताकर राजीव गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. वाजपेयी सरकार में रहते और इस लोकसभा चुनाव के वक्त वरुण की मां मेनका का राहुल की मां सोनिया पर तीखा हमला. 2009 लोकसभा चुनावों में वरुण के विवादास्पद बोलों पर उनको प्रियंका गांधी की नसीहत. वरुण का अपनी शादी का कार्ड लेकर दस जनपथ जाना, लेकिन शादी से प्रियंका, राहुल और सोनिया का नदारद रहना. फिर हाल के लोकसभा चुनाव में प्रियंका का वरुण पर जोरदार हमला. शायद ये वाकयात सबको याद हैं, ऐसे में दो गांधी के बीच आज का ये नजारा भी भला कैसे भुलाया जा सकता है.