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राहुल की ताकत प्रियंका गांधी, अहम मौकों पर भाई के साथ रहीं खड़ी

लेकिन इन चेहरों के बीच एक ऐसा चेहरा भी था, जिसने हर किसी का ध्यान खींचा. आधी रात को राहुल की बहन प्रियंका गांधी भी अपने पति रॉबर्ट वाड्रा और बच्चों के साथ मार्च में हिस्सा लेने पहुंचीं.

इंडिया गेट पर मिडनाइट मार्च के दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा इंडिया गेट पर मिडनाइट मार्च के दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 8:51 AM IST

उन्नाव और कठुआ गैंगरेप केस ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. दोनों मामले में लोग कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं तो वहीं सरकार के खिलाफ गुस्सा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर गुरुवार रात कैंडल मार्च निकाला और उनके साथ पूरी पार्टी और आम लोग भी दिखे. लेकिन इन चेहरों के बीच एक ऐसा चेहरा भी था, जिसने हर किसी का ध्यान खींचा. आधी रात को राहुल की बहन प्रियंका गांधी भी अपने पति रॉबर्ट वाड्रा और बच्चों के साथ मार्च में हिस्सा लेने पहुंचीं.

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प्रियंका गांधी ने खुद मार्च का मोर्चा संभाला और काफी आक्रामक अंदाज में इंडिया गेट पर पहुंचीं. राहुल गांधी ने जिस तरह इस मुद्दे पर एक झटके में मोदी सरकार को बैकफुट पर धकेल दिया. वहीं राहुल के साथ प्रियंका का होना एक बार फिर बड़ा संदेश दे गया. ऐसा पहली बार नहीं है कि प्रियंका गांधी ने फ्रंटफुट पर आकर मोर्चा संभाला हो, लेकिन राहुल के अध्यक्ष पद संभालने के बाद पहली बार ही ऐसा हुआ है कि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर किसी कार्यक्रम में हिस्सा लिया हो. इससे पहले भी कई मौकों पर प्रियंका राहुल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती रही हैं.

अमेठी में चुनाव-प्रचार

प्रियंका गांधी यूं तो राजनीति से दूर ही रहती हैं लेकिन लोकसभा चुनावों के दौरान हर बार वे अमेठी-रायबरेली में मोर्चा संभालती हैं. राहुल-सोनिया पूरे देश में प्रचार में व्यस्त होते हैं तो प्रियंका गांधी ही दोनों के क्षेत्रों में घूम-घूम कर प्रचार करती हैं. 2014 में भी जब अमेठी में राहुल के खिलाफ स्मृति ईरानी और कुमार विश्वास ने मोर्चाबंदी की थी, तो प्रियंका और राहुल के एक रोड शो ने ही पूरे रुख को बदल दिया था. ना सिर्फ प्रचार बल्कि प्रियंका रायबरेली-अमेठी के संगठनों पर भी पूरी नज़र रखती हैं और हमेशा अपडेट लेती रहती हैं.

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राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद पहले अधिवेशन में संभाला मोर्चा

राहुल गांधी ने हाल ही में पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला है, अभी कुछ ही दिन पहले ही राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ. राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद ये कांग्रेस का पहला अधिवेशन था. इस दौरान तैयारियों का जायजा लेते हुए प्रियंका गांधी की तस्वीरों ने काफी चर्चा बटोरी थी. प्रियंका कैमरे के सामने तो नहीं आईं लेकिन अधिवेशन से पहले ही प्रियंका ने पूरी तैयारियों को काफी बारीकी से परखा.

गुरुवार रात जब प्रियंका गांधी इंडिया गेट पर पहुंचीं तो मीडिया के सभी कैमरे और आम लोगों का ध्यान उनकी तरफ गया. कांग्रेस कार्यकर्ता भी काफी उत्साहित दिखे. लेकिन कैंडल मार्च के दौरान प्रियंका से धक्का-मुक्की हुई. धक्का-मुक्की से नाराज प्रियंका ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि जो लोग यहां धक्का-मुक्की के लिए आए हैं वे घर वापस जाएं. कृपया शांति बनाए रखें और खामोशी के साथ चलें. प्रियंका ने गुस्से में कहा कि उस मकसद के बारे में सोचिए जिसके लिए आप यहां आए हैं.

गौरतलब है कि कई बार कांग्रेस कार्यकर्ता इस बात की अपील और मांग करते रहे हैं कि प्रियंका गांधी को एक्टिव पॉलिटिक्स में आना चाहिए. लेकिन पार्टी की ओर से हर बार कहा जाता है कि यह प्रियंका का निजी फैसला है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रियंका गांधी में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का अक्स दिखता है. अमेठी-रायबरेली चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका पूरी सादगी के साथ विपक्ष पर तीखे वार करती हैं. ऐसे में कांग्रेसियों को उत्साह देखते ही बनता है.

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राहुल ने मोदी सरकार को घेरा

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मार्च के बाद मीडिया से बात की. उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. राहुल ने यहां कहा कि देश की महिलाएं बाहर निकलने से डरती हैं और ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘बेटी बचाओ’ का काम शुरू कर देना चाहिए. राहुल ने कहा कि हम महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध, बलात्कार, हिंसा और हत्या की घटनाओं के खिलाफ यहां मौजूद हैं. सरकार को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए, यह राष्ट्रीय मुद्दा है. राजनीतिक मुद्दा नहीं है.

राहुल ने कहा कि यह हमारी अपनी महिलाओं के लिए है, हजारों लोग यहां मौजूद हैं, जिनमें सभी पार्टियों के लोग और आम लोग भी शामिल हैं. आज देश में ऐसे हालात हैं जहां हत्या, बलात्कार और हिंसा की एक के बाद एक घटनाएं हो रही हैं. हम उसके खिलाफ यहां खड़े हैं, हम चाहते हैं कि सरकार कार्रवाई करे.

उन्नाव केस से उठे कई तरह के सवाल

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव में हुई गैंगरेप की घटना और उसके बाद पीड़िता के पिता की मौत ने हर किसी को झकझोर दिया है. इस मामले में बीजेपी के ही विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी हैं. लगातार दबाव के बाद सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. गुरुवार को ही यूपी पुलिस ने ये केस सीबीआई को सौंप दिया था.

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर लगातार आरोपी विधायक को बचाने के आरोप लग रहे थे. जब आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर से सरेंडर के बारे में पूछा गया था, तो उन्होंने कहा था कि पार्टी उन्हें जो भी आदेश देगी वह उसका ही पालन करेंगे.  

कठुआ मामले पर भी बवाल

दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 वर्षीय बच्ची आसिफा के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में भी लगातार सवाल उठ रहे हैं. इस मामले में इंसाफ को लेकर कई सेलेब्रिटी भी ट्वीट कर रहे हैं. इस मामले में पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की है उसमें मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड 60 साल के सांझी राम का नाम है. इसके अलावा जिन आरोपियों के नाम शामिल हैं उनमें कुछ हिंदू एकता मंच से जुड़े हैं. 

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