
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में हैं. राहुल यहां पर उन युवाओं से मिलने पहुंचे जो राष्ट्रीय राजमार्ग 766 पर यात्रा प्रतिबंध के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठे हैं.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 'मैं केरल और कर्नाटक को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 766 पर यात्रा प्रतिबंध के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठे युवाओं के साथ एकजुटता से खड़े होने के लिए केरल के वायनाड में हूं. पहले मैं उन लोगों के पास गया जो लंबे समय तक उपवास रखने के बाद अस्पताल में भर्ती हो गए.'
राहुल गांधी ने कहा कि जहां तक यात्रा प्रतिबंध का संबंध है, सभी राजनीतिक दल एकसाथ हैं. इस मुद्दे का हल किया जाना चाहिए. उम्मीद है कि समाधान तक पहुंचा जा सकता है. यह एक कानूनी मुद्दा है और सुप्रीम कोर्ट में इसपर सुनवाई चल रही है. हमने कानूनी विशेषज्ञों से बात की और उनसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया.
क्या है मामला?
72 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-766 का 34.6 किलोमीटर हिस्सा बांदीपुर और वायनाड राष्ट्रीय उद्यानों से होकर गुजरता है. बांदीपुर के कोर जोन के 19.7 किलोमीटर और उसके बफर जोन के 4.5 किलोमीटर हिस्से से सड़क कटती है. वायनाड में विभाजन कोर क्षेत्र का 4.8 किलोमिटर और बफर जोन का 5.8 किलोमीटर है.
राष्ट्रीय राजमार्ग का 24.4 और 10.4 किलोमीटर हिस्सा कर्नाटक और केरल के संरक्षित क्षेत्र से होकर गुजरता है. जंगली जानवरों को वाहनों की आवाजाही से बचाए जाने के मकसद से 2009 में मैसूर के उपायुक्त के एक निर्देश के बाद रात्रि यातायात प्रतिबंध की शुरुआत की गई. यह प्रतिबंध रात्रि 9 बजे से सुबह के 6 बजे तक रहता है.
इस फैसले को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी गई, लेकिन निर्णय बरकरार रखा गया. मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. वहीं इस मुद्दे पर राहुल गांधी का कहना है कि बांदीपुर रिजर्व से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर नौ घंटे के यातायात प्रतिबंध से केरल और कर्नाटक में लाखों लोगों को कठिनाई हुई है.
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि वे पर्यावरण को बचाते हुए स्थानीय समुदाय के हितों की रक्षा करें.