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पहले फूड पार्क और अब राहुल गांधी की अमेठी से पेपर मिल भी छिना

इससे पहले यह पेपर मिल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी में शुरू होना था. राहुल गांधी के क्षेत्र अमेठी में इसके लिए जगदीशपुर का चयन भी कर लिया गया था. लेकिन महाराष्ट्र में इस मिल को लगाए जाने की अनंत गीते की मांग के बाद रत्नागिरि को चुना गया है.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी
संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

केंद्र से कांग्रेस की सरकार के जाने का असर राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी की विकास परियोजनाओं पर साफ तौर पर देखा जाने लगा है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के अमेठी से पहले फूड पार्क की परियोजना चली गई और अब पेपर मिल भी जाता हुआ दिख रहा है.

दरअसल महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले में 3,650 करोड़ रुपये की लागत से एक पेपर मिल लगाने का प्रस्ताव है. सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट इस बारे में जल्द ही कोई फैसला कर सकती है. बुधवार को कैबिनेट मंत्री अनंत गीते ने बताया कि भारी उद्योग विभाग ने इस सिलसिले में वित्त मंत्रालय को लिखा है.

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मोदी सरकार में शिवसेना का प्रतिनिधित्व करने वाले भारी उद्योग मंत्री अंनत गीते ने बताया, 'हमने इस बारे में वित्त मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है और अन्य मंत्रालयों से भी उनकी राय मांगी है. जैसे ही उनके विचार सामने आ जाते हैं, इसे कैबिनेट के सामने रखा जाएगा.'

उन्होंने कहा कि कैबिनेट के सामने विचार के लिए रखे जाने से पहले इस प्रस्ताव पर दूसरे मंत्रालयों की राय का इंतजार किया जाएगा.

इससे पहले यह पेपर मिल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी में शुरू होना था. राहुल गांधी के क्षेत्र अमेठी में इसके लिए जगदीशपुर का चयन भी कर लिया गया था. लेकिन महाराष्ट्र में इस मिल को लगाए जाने की अनंत गीते की मांग के बाद रत्नागिरि को चुना गया है.

माना जा रहा है कि इस परियोजना से 900 लोगों को रोजगार मिलेगा. पेपर मिल से पहले सरकार ने जगदीशपुर में एक मेगा फूड पार्क लगाए जाने का प्रस्ताव भी खारिज कर दिया था.

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तब लोकसभा में राहुल गांधी ने शक्तिमान फूड पार्क का मसला भी उठाया था और मोदी सरकार पर राजनीतिक बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया.

हालांकि केंद्र सरकार ने इन आरोपों के जवाब में कहा कि खुद UPA सरकार में पेट्रोलियम मंत्रालय ने अमेठी को रियायती दरों पर गैस की आपूर्ति करने से मना कर दिया था और इसी वजह से अमेठी में मेगा फूड पार्क शुरू नहीं किया जा सका.

UPA के दौर में अमेठी और उसके आस-पास की जगहों के लिए कई परियोजनाओं की घोषणा की गईं लेकिन उनमें से ज्यादातर अभी तक शुरू नहीं हो पाई हैं.

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