
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी सुप्रीमो बनने के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा, क्योंकि कांग्रेस अगले महीने पार्टी अधिवेशन को लेकर बहुत इच्छुक नहीं है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी के अप्रैल में अध्यक्ष बनने के कयासों को खारिज किया है.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पार्टी अप्रैल महीने में ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी का अधिवेशन बुलाने को लेकर इच्छुक नहीं है. लिहाजा राहुल को पार्टी की कमान थमाने में देरी हो सकती है. अंग्रेजी अखबार 'इकोनॉमिक टाइम्स' ने इस आशय की खबर प्रकाशित की है.
कांग्रेस के एक शीर्ष पदाधिकारी ने कहा, 'हो सकता है इस साल बाद में उन्हें कांग्रेस प्रमुख बनाया जाए.' कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी एआईसीसी अधिवेशन को अभी स्थगित रखने की योजना बना रही है. एक और नेता ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष इस महीने के आखिर में राजनीतिक परिदृश्य में लौटेंगे.
राजनीतिक परिदृश्य से राहुल की अनुपस्थिति को कांग्रेस नेताओं ने पार्टी में युवा बनाम बुजुर्ग सिपाहियों की लड़ाई मानने से इंकार कर दिया. राहुल गांधी के एक करीबी नेता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पता है कि उनका बेटा कुछ समय के लिए परिदृश्य से गायब है और यह टकराव का कोई मुद्दा नहीं है.
इन नेताओं ने कहा कि मां और बेटे की जोड़ी पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और सोनिया गांधी चाहती है कि राहुल पार्टी को आगे लेकर जाएं. हालांकि दिग्विजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं का कहते रहे है कि सोनिया गांधी कुछ नेताओं से प्रभावित है, जिससे राजनीतिक मामलों पर राहुल और सोनिया के बीच मतभेद नजर आते हैं.
इससे पहले कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा था कि पार्टी में निर्णय की प्रक्रिया राहुल और सोनिया के बीच झूलती रहती है. नाथ ने यह भी कहा था कि राहुल के पास पूरी शक्ति नहीं है, लिहाजा उन्हें 'जज' करना सही नहीं होगा.
इससे पहले राहुल गांधी के करीबी नेताओं ने कहा था कि पार्टी उपाध्यक्ष अप्रैल में आॉल इंडिया कांग्रेस कमिटी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष बन सकते हैं. हालांकि अब पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इसे खारिज कर दिया है.