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केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु गुरुवार को रेल बजट पेश करने जा रहे हैं. भारतीय रेलवे को जानने और रेल बजट को समझने के लिए ये 10 नंबर जानने जरूरी हैं.
1. 2.30 करोड़ यात्री भारतीय रेलवे में रोज सफर करते हैं. जितनी ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या है, लगभग उतने ही मुसाफिर रोजाना भारतीय रेल में सफर करते हैं. इतने यात्रियों के लिए रेलवे रोज 12617 ट्रेनें चलाता है. देशभर में 7172 स्टेशन रेलवे नेटवर्क से जुड़े हैं.
2. 26 हजार करोड़ रुपये वो रकम है, जिसका नुकसान रेलवे को हर साल यात्री किराए में मिलने वाली सब्सिडी से होता है.
3. 67 फीसद योगदान रेलवे की कमाई में माल भाड़े का होता है. भारतीय रेल रोजाना 26.5 लाख टन माल ढोती है.
4. 1.40 लाख करोड़ रेवेन्यू रेलवे हर साल अर्जित करता है, जो इंडियन ऑयल कारपोरेशन और ओएनजीसी जैसी कंपिनयों के रेवेन्यू से कम है.
5. 1.82 लाख करोड़ रुपये की जरूरत रेलवे के 359 अटके हुए प्रोजेक्ट्स के लिए है. पिछले तीस सालों में जिन 676 प्रोजेक्ट्स की घोषणा हुई थी, उनमें से 317 ही 1.58 लाख करोड़ रुपये की लागत से पूरे हो पाए हैं.
6. 94 फीसदी रेलवे का ऑपरेटिंग रेशियो है. इसका मतलब है कि रेलवे अपने ऑपरेशन से होने वाली प्रति एक रुपये की कमाई में छह पैसे ही बचा पाता है. रेलवे के विस्तार के लिए यह पैसा बहुत कम है.
7. 6 लाख करोड़ वो रकम है, जिसकी जरूरत रेलवे को अगले तीन-चार सालों में निवेश के लिए पड़ेगी.
8. 50 हजार करोड़ रुपये की मांग रेलवे बजट में सहायता के लिए केंद्र से कर सकती है. यह रकम देश की जीडीपी का आधा फीसदी से भी कम है.
9. 200 किमी का नेटवर्क रेलवे औसतन प्रति दिन आजादी के बाद से अब तक बढ़ा रहा है. पिछले 67 सालों में रेलवे के कुल 64460 किमी के नेटवर्क में 13 हजार किमी का ही इजाफा हुआ है. भारतीय रेल का नेटवर्क दुनिया का चौथा सबसे लंबा नेटवर्क है, लेकिन चीन के 1 लाख किमी के नेटवर्क से कम है.
10. 13.1 लाख लोग भारतीय रेल में नौकरी करते हैं. रेलवे देश में सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराने वाला विभाग है.