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दिसंबर से लागू होगा पैसेंजर चार्टर, रेलवे बोर्ड से कम किए जाएंगे अफसर

स्टेशन डेवलपमेंट के लिए दिए जाने वाले स्टेशनों की लीज अब 90 साल की बजाय 99 साल तक देने का फैसला किया गया है. इसके साथ स्टेशनरी डेवलपमेंट के बाद मिलने वाले राजस्व में भी प्राइवेट कंपनी की भागीदारी होगी.

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किया एलान रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किया एलान
सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 26 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 12:21 AM IST

आगामी दिसंबर रेल मंत्रालय पैसेंजर चार्टर लागू करने जा रहा है. पैसेंजर चार्टर लागू हो जाने के बाद रेलवे की तमाम सुविधाएं और समस्याएं समयबद्ध तरीके से निपटाई जाएंगी. रेल यात्री को यह अधिकार होगा कि वह रेल यात्रा से संबंधित किसी भी उपभोक्ता समस्या का निदान तय समय के अंदर हो. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात की जानकारी रेल भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गोयल ने यह बात रेल कर्मचारियों के लिए चार्टर जारी करते हुए कही.

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रेल मंत्री ने कहा की रेलवे में सुरक्षा सर्वोपरि है और इसके लिए पैसे की कमी कतई नहीं है. उनके मुताबिक देश में रेल लाइनों की मरम्मत के लिए और जरूरी रेल को खरीदने के लिए रेलवे ने 12 अक्टूबर को 7 लाख टन का ग्लोबल टेंडर जारी किया है. इस ग्लोबल टेंडर से यह बात पूरी तरीके से साफ है कि भारतीय रेल की जरूरत के मुताबिक रेल पटरी की सप्लाई दुनिया के किसी भी कोने से ली जा सकती है.

पीयूष गोयल ने बताया कि देश भर में रेलवे स्टेशनों केरी डेवलपमेंट के लिए प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ाने के लिए रेलवे बोर्ड ने इसके लिए तय की गई शर्तों में और लचीलापन लाने का फैसला किया है. स्टेशन डेवलपमेंट के लिए दिए जाने वाले स्टेशनों की लीज अब 90 साल की बजाय 99 साल तक देने का फैसला किया गया है. इसके साथ स्टेशनरी डेवलपमेंट के बाद मिलने वाले राजस्व में भी प्राइवेट कंपनी की भागीदारी होगी.

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रेल मंत्री गोयल ने बताया कि मुंबई में हाल ही में हुई भगदड़ के बाद रेल मंत्रालय ने देशभर के सभी स्टेशनों के बारे में चर्चा की है. कई बैठकों के बाद यह तय हुआ है कि मुंबई में 370 एस्केलेटर और देश के बाकी हिस्सों में तकरीबन 3000 एस्केलेटर लगाए जाएंगे. इसके लिए टेंडर निकालने का काम स्थानीय स्तर पर ही कर लिया जाएगा सेफ्टी संबंधित कामों में हीला-हवाली न हो इसके लिए रेल मंत्रालय ने तमाम अधिकार डिविजनल और जोनल स्तर के अधिकारियों को दे दिए हैं.

रेलवे के जोनल स्तर के GM को सेफ्टी से संबंधित किसी भी काम को कराने के लिए अब फाइनेंस मिनिस्ट्री की निर्धारित फाइनेंसियल लिमिट के लिए रेलवे बोर्ड की परमिशन नहीं लेनी होगी. डीआरएम को पावर दी गई है कि अगर सेफ्टी से संबंधित कोई भी वैकेंसी है तो वह 62 साल के रेलवे कर्मचारी को दोबारा काम पर रख सकता है.

रेल मंत्रालय ने हर एक डिवीजन में एडीआरएम लेवल के अधिकारियों की संख्या बढ़ाने का भी फैसला किया है. हर डिवीजन में कम से कम 2 ए डीआरएम की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है. मुंबई के लिए चार एडीआरएम नियुक्त किए जाने का फैसला किया गया है.

यात्री सुविधाओं को स्थापित करने के मामले में डीआरएम की वित्तीय पावर एक करोड़ से बढ़ाकर ढाई करोड़ रुपए कर दी गई है. इसके अलावा जोनल लेवल पर जीएम स्तर के अधिकारी को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए ढाई करोड़ रुपए तक की परमिशन देने का अधिकार दे दिया गया है. इसी तरह डीआरएम लेवल पर 10 लाख रुपए तक की परमिशन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए दे दी गई है.

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रेल मंत्री ने कहा कि रेल भवन में रेलवे बोर्ड में नियुक्त अधिकारियों की संख्या में कमी की जाएगी. यहां पर उन्हीं अफसरों को रखा जाएगा जिनकी जरूरत नीति निर्धारण के लिए है. उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड ने ऐसे 90 अफसरों की लिस्ट तैयार की है इन अफसरों को दोबारा फील्ड में भेजा जा रहा है. गौरतलब है की रेलवे बोर्ड रेल मंत्रालय की सबसे ताकतवर बॉडी है और पहली बार ऐसा हो रहा है जब सरकार इसमें अफसरों के पर काट रही है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा इसको सही परिप्रेक्ष्य में लिया जाना चाहिए यह रेलवे बोर्ड की रिस्ट्रक्चरिंग है.

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