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ISRO की स्पेस टेक्नोलॉजी से मिलेगी भारतीय रेलवे को मदद

इसरो की मदद से भारतीय रेलवे ऐसा सिस्टम डेवलप करने की योजना बना रहा है जिससे पूरे देश में इस बात का सही पता रखा जा सकेगा कि कौन सी ट्रेन किस पटरी पर किस स्टेशन के पास से होकर निकल रही है.

ISRO से मिलेगी भारतीय रेलवे को मदद ISRO से मिलेगी भारतीय रेलवे को मदद
सना जैदी/सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 18 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 5:46 AM IST

अंतरिक्ष में अपनी धाक जमाने वाली भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो अब भारतीय रेलवे को अत्याधुनिक बनाने में भी पूरी मदद करेगी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और भारतीय रेलवे के बीच इस बावत राजधानी दिल्ली में आपसी समझौता हुआ. समझौते के मुताबिक इसरो भारतीय रेलवे की अपनी स्पेस टेक्नोलॉजी और रिमोट सेंसिस के जरिए मदद करेगी.

दरअसल भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो रिमोट सेंसिस के मामले में दुनिया में अव्वल है. इस तकनीक का फायदा भारतीय रेलवे अपने स्टेशनों और पटरियों की पैमाइश में ले सकेगा. इसके अलावा भारतीय रेलवे अपनी ट्रेनों की आवाजाही को सैटेलाइट के जरिए बड़ी आसानी से मॉनीटर कर सकता है. इसरो की मदद से भारतीय रेलवे ऐसा सिस्टम डेवलप करने की योजना बना रहा है जिससे पूरे देश में इस बात का सही पता रखा जा सकेगा कि कौन सी ट्रेन किस पटरी पर किस स्टेशन के पास से होकर निकल रही है.

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इससे सबसे बड़ी मदद ये मिलेगी कि अगर एक ही पटरी पर दो ट्रेने असावधानीवश आमने-सामने आ रही हों तो इसका पता समय रहते चल पाएगा और हादसे को टाला जा सकेगा. इसके अलावा भारतीय रेलवे को इसरो से कई क्षेत्रों में मदद की आस है.

इसरो की मदद से रेलवे दूरदराज के स्टेशनों पर पेपरलेस टिकट की सुविधा मुहैया करा सकेगा. इसरो भारतीय रेलवे को पहाड़ी इलाकों में पटरियां बिछाने में मैंपिंग में पूरी मदद करेगी. इसरो और भारतीय रेलवे के बीच हुए करार का फायदा आने वाले दिनों में यात्री सुविधाओं में नजर आएगा. जहां एक तरफ रेलवे की सुरक्षा बढ़ेगी तो वहीं दूसरी तरफ स्पेस टेक्नोलॉजी का पूरा फायदा रेलवे को मिलेगा.

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